हाल ही में पुरातत्ववोत्ताओं को अज़रबैजान स्थित एक शैलाश्रय (रॉक शेल्टर) के फर्श पर छोटे-छोटे छेदों के पैटर्न दिखाई दिए। अनुमान है कि यह प्राचीन बोर्ड खेलों में सबसे पुराना खेल था जिसे आज से लगभग 4 हज़ार साल पहले खानाबदोश चरवाहे खेला करते थे।
अमेरिकन म्यूज़ियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के शोधकर्ता वाल्टर क्राइस्ट ने एक प्राचीन खेल ‘58 होल्स’ की तलाश में अज़रबैजान स्थित नेशनल पार्क की प्राचीन गुफाओं का दौरा किया। यह खेल ‘हाउंड्स और जैकाल’ के नाम से भी जाना जाता है।
ब्रिटिश पुरातत्ववेत्ता हॉवर्ड कार्टर ने भी ईसा पूर्व 18वीं सदी के मिस्र के फरोआ अमेनेमहाट के मकबरे में जानवरों आकृति के टुकड़ों के साथ एक गेम सेट पाया। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार अज़रबैजान के शैलाश्रय में पाए गए गोलाकार गड्ढों का विशिष्ट पैटर्न भी इसी खेल से मिलता जुलता है। हालांकि अज़रबैजान में मिले पैटर्न फरोआ के मकबरे से भी पुराने हैं।
आसपास चट्टानों पर बने चित्रों को देखते हुए अनुमान है कि यह शैलाश्रय 4000 वर्ष पुराना है जब अज़रबैजान के इस इलाके में खानाबदोश चरवाहे रहा करते थे। इसी समय यह खेल मध्य पूर्व के इलाकों के साथ-साथ मिस्र और मेसोपोटेमिया में भी काफी प्रचलित था।
पुरातत्ववेत्ता को इन गड्ढों के बारे में जानकारी तो थी लेकिन वे यह नहीं जानते थे कि इसे बोर्ड गेम के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। क्राइस्ट के अनुसार प्रत्येक गड्ढे को एक विशिष्ट पैटर्न में काटा गया था जो उसके उपयोग को दर्शाता है। उनका ऐसा भी मानना है कि यह खेल लगभग 1500 वर्षों तक ठीक उसी अंदाज़ में खेला जाता रहा जैसा शुरुआत में खेला जाता था।
हालांकि ‘58 होल्स’ के नियम के बारे में जानकारी तो नहीं है लेकिन आधुनिक समय के बैकगैमन की तरह खेला जाता होगा जिसमे कुछ बीज या पत्थरों का उपयोग किया जाता है जो एक निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बोर्ड के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
इस खेल में बीच में दो पंक्तियां होती हैं और चारों ओर आर्क के आकार में गड्ढे बने रहते हैं। इसमें 5वें, 10वें, 15वें और 20वें गड्ढे को किसी तरह से चिन्हित किया होता है। आखिर में शीर्ष पर बना गड्ढा दूसरे गड्ढों की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है जिसको आम तौर पर खेल का लक्ष्य या अंत समझा जाता है।
संभावना है कि बोर्ड में गोटियों की चाल को नियंत्रित करने के लिए पांसों का उपयोग किया जाता होगा, लेकिन पूरे सेट में किसी तरह का कोई पांसा नहीं मिला है।
इस खेल को आधुनिक बैकगैमन के समान बताने के विचार को क्राइस्ट ने खारिज करते हुए कहा कि बैकगैमन बाद के रोमन गेम टैबुला से लिया गया है। ‘58 होल्स’ का खेल काफी पुराना है, लेकिन इसको सबसे पुराना खेल कहना सही नहीं है।
क्राइस्ट के अनुसार इतने व्यापक स्तर पर इस खेल का खेला जाना सांस्कृतिक बाधाओं को पार करने की क्षमता दर्शाता है। यह परस्पर संवाद में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता होगा। इस खेल ने एक भाषा का भी काम किया होगा जिसमें खेल के ज़रिए आपस में संवाद होता होगा। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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