जापान के क्षुद्रग्रह मिशन हयाबुसा-2 ने एक क्षुद्रग्रह पर दो रोवर उतारने में सफलता प्राप्त की है। 22 सितंबर के दिन जापान एयरोस्पेस एक्प्लोरेशन एजेंसी ने घोषणा की कि मिशन के दो रोवर मिनर्वा-II IA और IB रयूगु नामक क्षुद्रग्रह पर उतार दिए गए और दोनों ही उसकी सतह पर घूम-फिर रहे हैं। उन्होंने क्षुद्रग्रह की तस्वीरें भी भेजी हैं।
यह क्षुद्रग्रह बहुत छोटा है – चौड़ाई मात्र 1 कि.मी.। हयाबुसा पहले तो इन दो रोवर्स को लेकर क्षुद्रग्रह से मात्र 55 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचा। इतने करीब पहुंचकर उसने दोनों रोवर्स को सतह पर तैनात किया और वापिस अपनी कक्षा में लौट गया। शुरुआत में जब ये रोवर्स क्षुद्रग्रह की सतह पर उतरे तो इनका पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से संपर्क टूट गया। ऐसा शायद इसलिए हुआ था क्योंकि तब ये दोनों रोवर्स क्षुद्रग्रह के उस साइड पर थे जो हमसे ओझल थी। मगर जल्दी ही इन्होंने संकेत भेजना शुरू कर दिया।
इससे पहले भी क्षुद्रग्रहों पर यान उतारे जा चुके हैं मगर यह पहली बार है कि ये यान वहां की सतह पर चल-फिर रहे हैं। इनमें मोटर लगी हैं जिनकी मदद से ये फुदकते हैं। क्षुद्रग्रह के कम गुरुत्वाकर्षण बल के चलते रोवर्स की प्रत्येक उछाल काफी लंबी होती है।
ऐसा माना जाता है कि यह क्षुद्रग्रह शुरुआती सौर मंडल के पदार्थ से निर्मित हुआ है। इसका अध्ययन सौर मंडल की प्रारंभिक स्थितियों को समझने तथा पृथ्वी व अन्य ग्रहों की उत्पत्ति को समझने के उद्देश्य से किया जा रहा है। हयाबुसा-2 कुछ समय बाद एक बार फिर क्षुद्रग्रह की सतह के नज़दीक जाएगा तथा दो और रोवर्स को वहां उतारेगा। इसके अलावा स्वयं हयाबुसा-2 भी सतह पर उतरेगा ताकि वहां की मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर ला सके। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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