एक नए अध्ययन से पता चला है कि रेगिस्तानी नग्न मोल चूहों के समाज में श्रमिक अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए अपनी रानी का मल खाते हैं।
रेगिस्तानी मोल चूहे (Heterocephalus glaber) पूर्वी अफ्रीका के रेगिस्तान में भूमिगत कॉलोनी में रहते हैं। कुछ प्रजनन करने वाले नर चूहों के अलावा, कॉलोनी के शेष सदस्य अपना सारा समय भोजन के लिए कंद की तलाश, शिकारियों से बचाव और रानी के बच्चों की देखभाल में व्यतीत करते हैं। रानी के बच्चों की देखभाल करने के इस व्यवहार ने जीव विज्ञानियों का ध्यान आकर्षित किया। आम तौर पर मादा स्तनधारियों में हार्मोन में होने वाले बदलाव मादा को अपने बच्चों की देखभाल करने को प्रवृत्त करते हैं। लेकिन इस रेगिस्तानी मोल में हार्मोन उत्पादन करने वाले सहायक प्रजनन अंग रानी के अलावा अन्य मादाओं में कभी विकसित नहीं होते। तो सवाल यह है कि फिर उनमें मातृत्व भावना कैसे पैदा होती है?
प्रोसीडिंग्स आफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, यह व्यवहार इन मोल चूहों के कुछ अजीब पहलुओं से सम्बंधित हो सकता है। जैसे मलभक्षण यानी कोप्रोफेजी। शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष प्रयोगशाला में रेगिस्तानी मोल चूहों की कॉलोनी के अध्ययन के आधार पर निकाले हैं। इस शोध कार्य में प्रजननहीन मादाओं के एक समूह ने गर्भवती रानी के मल का भक्षण किया जबकि दूसरे समूह ने ऐसी रानी के मल को खाया जो गर्भवती नहीं थी। तीसरे समूह ने एक गैर–गर्भवती रानी के मल का सेवन किया जिसमें एस्ट्रोजेन हार्मोन मिलाया गया था। यह हारमोन मातृत्व व्यवहार शुरू करने के लिए जाना जाता है। देखा गया कि जिन मोल चूहों को गर्भवती रानी या हारमोन युक्त मल का सेवन करवाया गया था उनके मल–मूत्र में अन्य चूहों की तुलना में ज़्यादा एस्ट्रोजेन पाया गया। अर्थात मोल रानियां अन्य मादा मोल चूहों में मल के माध्यम से मातृत्व जगाती हैं। यह रणनीति जंतु जगत में अद्वितीय प्रतीत होती है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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