आज के समय में, जब किताबों के अलावा अन्य स्रोतों जैसे इंटरनेट, ऐप्स वगैरह पर पढ़ने के लिए काफी सामग्री उपलब्ध है तब लोगों के पास पढ़ने के लिए पर्याप्त वक्त ही नहीं है। ऐसे में यदि आपके पढ़ने की गति बढ़ जाए तो क्या कहने। इसी इच्छा को पूरा करने का दावा कई कोचिंग क्लास, कोर्स, किताबें और ऐप्स कर रहे हैं। इनका दावा है कि वे आपके पढ़ने की गति बढ़ा सकते हैं। तेज़ गति से पढ़ने का मतलब है – पढ़ने की सामान्य गति की तुलना में कम से कम तीन गुना अधिक गति से, सही समझ के साथ पढ़ना।
लेकिन इस मामले में, युनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा की संज्ञान विज्ञानी एलिज़ाबेथ शॉटर का कहना है कि वास्तव में पढ़ने की गति इतनी बढ़ाना संभव नहीं है। वे बताती हैं कि पढ़ना एक जटिल कार्य है जिसमें मस्तिष्क की कई कार्य-प्रणालियों के बीच तालमेल की आवश्यकता होती है। पढ़ने के लिए आंखें पहले शब्द देखती हैं; फिर उस शब्द का अर्थ और उससे जुड़ी अन्य जानकारियां निकाली जाती हैं; फिर वाक्य के साथ और व्यापक संदर्भ में उस शब्द का अर्थ जोड़ा जाता है; और इसके बाद तय किया जाता है आंखें अब कहां देखेंगी। पढ़ने में कभी-कभी पीछे जाकर दोबारा पढ़ने की भी ज़रूरत पड़ती है। यह सब काफी तेज़ गति से होता है। एक अच्छा पढ़ने वाला व्यक्ति प्रति मिनट 200 से 300 शब्द पढ़ सकता है।
असल में 1959 में एवलिन वुड्स ने एक रीडिंग डाएनामिक्स प्रोग्राम शुरू किया था जिसके अनुसार एक बार में पूरा पैराग्राफ को पढ़ने के लिए स्वयं को प्रशिक्षित कर, पढ़ने की गति को बढ़ाया जा सकता है। उस वक्त उनका यह प्रोग्राम इतना लोकप्रिय हुआ था कि राष्ट्रपति कैनेडी, निक्सन और कार्टर ने अपने स्टाफ को यह कोर्स करने के लिए भेजा था। और तब से अब तक कई किताबें, क्लास, कोर्स, ऐप्स वगैरह अलग-अलग तरीकों से पढ़ने की गति बढ़ाने की पेशकश करते हैं।
लेकिन कई अध्ययन यह बताते हैं कि आंखें पूरे दृश्य क्षेत्र के कुछ हिस्से को ही स्पष्ट देखती हैं। जिसके कारण एक बार में पूरा पैराग्राफ देखना और पढ़ पाना असंभव है। पढ़ने की समझ शब्दों को पहचानने की क्षमता है, इसलिए आंखों को तेज़ी से पाठ पर फेरने से पढ़ने की गति बढ़ाने मदद नहीं मिलेगी। इसके अलावा पढ़ने के लिए शब्दों को एक क्रम में देखने की ज़रूरत होती है इसलिए बेतरतीब देखने से पढ़ने की गुणवत्ता में कमी ही आएगी।
पढ़ने की गति बढ़ाने के एक अन्य तरीके में सिखाया जाता है कि पढ़ते समय आने वाली अपनी खुद की आवाज़ को दबा देना चाहिए ताकि वह आपके पढ़ने की गति को धीमा ना करे। लेकिन शोध कहते हैं कि आवाज़ को दबाने से जो आप जो पढ़ रहे हैं उसे समझने में मुश्किल होती है।
एक अन्य तरीके में, एक ऐप की मदद से निश्चित गति से एक के बाद एक शब्द दिखाए जाते हैं। इससे आंखें एक बार में एक शब्द पर ही केंद्रित होती हैं। लेकिन इस तरीके के साथ समस्या यह है कि कई बार आपको कोई शब्द या वाक्य दोबारा पढ़ने की ज़रूरत होती है।
शॉटर का कहना है कि सभी के पढ़ने की गति अलग-अलग होती है। कई कारणों से कुछ लोगों के पढ़ने की गति ज़्यादा तेज़ होती है। मगर पढ़ने की गति तिगुनी करने या प्रति मिनट 15,000 शब्द पढ़ने के दावे संदेहपूर्ण हैं। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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