खगोलविदों के एक अंतर्राष्ट्रीय समूह ने हाल ही में ब्लैक होल का सबसे पहला प्रत्यक्ष चित्र प्राप्त किया है। यह उपलब्धि उनको चार महाद्वीपों पर स्थापित आठ रेडियो वेधशालाओं के समन्वय से हासिल हुई। इन वेधशालाओं ने मिलकर काम किया तो ये पृथ्वी के आकार की एक विशाल आभासी दूरबीन बन गर्इं।
एस्ट्रोफिज़िकल जर्नल लेटर्स के विशेष अंक में प्रकाशित शोध पत्रों में टीम ने M87 निहारिका के केंद्र में स्थित एक विशाल ब्लैक होल की चार छवियां प्रस्तुत की हैं। M87 एक निहारिका है जो पृथ्वी से 550 लाख प्रकाश वर्ष दूर कन्या (virgo) निहारिका-समूह के भीतर स्थित है। चारों छवियों में केंद्र में एक अंधेरा दायरा है और उसके चारों ओर प्रकाश का एक छल्ला नज़र आ रहा है।
ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि इससे, कुछ और तो क्या, प्रकाश भी नहीं निकल सकता। लिहाज़ा, ब्लैक होल अदृश्य होते हैं। लेकिन अगर कोई ब्लैक होल प्रकाश-उत्सर्जक पदार्थ (जैसे प्लाज़्मा) से घिरा हो, तो वह पदार्थ ब्लैक होल या उसकी परिधि रेखा (आउटलाइन) की एक छाया का निर्माण करेगा। इस आउटलाइन को ब्लैक होल का इवेंट होराइज़न कहते हैं। इन चित्रों से टीम ने अनुमान लगाया है कि उक्त ब्लैक होल सूरज से लगभग 6.5 अरब गुना अधिक वज़नी है। इन चार चित्रों के बीच थोड़ा-थोड़ा अंतर इस बात का संकेत देता है कि यह पदार्थ लगभग प्रकाश की गति से ब्लैक होल के आसपास घूम रहा है।
चित्रों की एक विशेषता यह भी है कि प्रकाश का छल्ला चारों तरफ एक समान नहीं है। एक तरफ यह थोड़ा ज़्यादा चमकीला है। यह ठीक आइंस्टाइन की भविष्यवाणी के अनुरूप है।
ये चित्र इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप (ई.एच.टी) द्वारा लिए गए हैं जिसमें आठ रेडियो टेलिस्कोप हैं। ये टेलीस्कोप एक दूसरे से दूर-दूर ऊंचाई वाले स्थानों पर स्थापित हैं। ये रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करने वाली खगोलीय वस्तुओं का निरीक्षण करते हैं। ब्लैक होल आकाश में किसी भी अन्य रेडियो रुाोत की तुलना में अत्यंत छोटा और काला होता है। इसे देखने के लिए बहुत कम तरंग दैर्ध्य का उपयोग करना होता है।
ब्लैक होल का चित्र बनाने के लिए उच्च कोणीय विभेदन की आवश्यकता होती है। टेलीस्कोप का कोणीय विभेदन उसकी डिश के आकार के साथ बढ़ता है। दिक्कत यह है कि पृथ्वी का सबसे बड़ा टेलीस्कोप भी इतना बड़ा नहीं है जिससे ब्लैक होल को देखा जा सके। लेकिन जब एक-दूसरे से काफी दूरी पर स्थित बहुत सारे टेलीस्कोप को एक साथ तालमेल बनाकर एक ही पिंड पर केंद्रित किया जाए तो वे एक बहुत बड़े रेडियो डिश के रूप में काम कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उम्दा चित्र प्राप्त किए जा सकते हैं।
वैसे तो ब्लैक होल को चित्रित करने के प्रयास काफी समय से किए जा रहे हैं लेकिन वर्ष 2007 में डोलमैन की टीम ने परीक्षण के लिए ई.एच.टी. का इस्तेमाल किया। आज ई.एच.टी. 11 वेधशालाओं की एक शृंखला है। उम्मीद है कि ई.एच.टी. से ब्लैक होल का अवलोकन खगोल भौतिकी के एक नए युग की शुरुआत करेगा। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://fortunedotcom.files.wordpress.com/2019/04/first-image-of-black-hole-national-science-foundation.jpg