समुद्री मकड़ियां खुद को रेत में क्यों दबाती हैं?

क्षिणी अंटार्कटिक महासागर (Southern Antarctic Ocean) के ठंडे पानी में रहना कई जीवों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों से परिपूर्ण होगा, लेकिन एक प्रकार की समुद्री मकड़ी (Nymphon australe) के लिए यह जगह बहुत ही आरामदायक है।

लंबी टांग वाली इन समुद्री मकड़ियों की साइज़ करीब 4 से.मी. होती है। वास्तव में ये मकड़ी होती ही नहीं हैं किंतु उनके जैसी ही दिखती हैं। ये तो पाइनोगोनिडा (Pycnogonida)  नामक आर्थ्रोपोड (Arthropod)  समूह से सम्बंधित हैं। ऐसी ही एक समुद्री मकड़ी है Nymphon australe जिसके बारे में काफी बातें अनजानी हैं। इस अकेशरुकी (Invertebrate) जीव की जीवनशैली कैसी है, ये क्या खाती हैं और इन्हें कौन खाता है, इनका व्यवहार कैसा है वगैरह सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।

इनके बारे में जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से सेंट्रल मिशिगन युनिवर्सिटी (Central Michigan University) के समुद्र जीवविज्ञानी एंड्रयू महोन और उनके साथियों ने इन्हें समुद्र से पकड़ा और प्रयोगशाला के एक छोटे से मछलीघर में रखा।

शोधकर्ताओं ने देखा कि इनमें से एक मकड़ी बहुत धीमे-धीमे रेत खोद रही थी, फिर उसने अपना धड़ रेत में दबा लिया और अपने आठ पैर बाहर ही रहने दिए जो लहरा रहे थे। देखा गया कि ये मकड़ियां ऐसा बार-बार ऐसा कर रहीं थीं; खुद को रेत में दफनातीं, फिर बाहर निकलतीं और वहां से दूसरी जगह चली जातीं।

लेकिन वे ऐसा करती क्यों हैं। एक बैठक (Conference)  में अपने अवलोकन प्रस्तुत करते समय शोधकर्ताओं के सामने इनके इस व्यवहार के कारण को लेकर कुछ अनुमान सामने आए। एक अनुमान था कि संभवत: वे अपने इन उपांगों के माध्यम से ‘सांस’ (Respiration)लेती होंगी, जैसा कि कुछ अन्य प्रजातियां करती हैं। एक अन्य अनुमान था कि वे रेत के नीचे दबे शिकार तलाशती होंगी, लेकिन इस अनुमान पर तर्क था कि ऐसा होने की संभावना इसलिए नहीं लगती क्योंकि अधिकांश मकड़ियां मांसाहारी (Carnivorous)होती हैं और वे अपने शिकार को हिलते-डुलते हुए महसूस करना चाहती हैं।

अब बारी थी इन अनुमानों को परखने की और उनके इस व्यवहार के कारण को समझने की। इसके लिए महोन और उनकी टीम ने समुद्री मकड़ियों की आंतों में सूक्ष्मजीवी डीएनए (Microbial DNA)  के नमूने लिए और उसे समुद्र के पेंदे के नीचे से लिए गए सूक्ष्मजीवों के नमूने से मिला कर देखा। पाया गया कि आंत के नमूने पेंदे में दफन नमूनों से मेल खा रहे थे। इससे लगता है कि ये जीव पेंदे के नीचे बैक्टीरिया और संभवत: अन्य सड़ने वाले कार्बनिक पदार्थों (Organic Matter) को खाते होंगे।

यह तो समुद्री मकड़ियों (Sea Spiders) के व्यवहार को समझने की शुरुआत भर है। अंटार्कटिका इतना प्रतिकूल परिस्थिति (Harsh Environment) भरा है कि वहां रहने वाले हर जीव के बारे में समझना रोमांचक और विस्मयकारी ही होगा। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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