अफ्रीका में मलेरिया से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों में इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली एक मुख्य दवा, आर्टेमिसिनिन, के प्रतिरोध का पता चला है। यह खोज चिंताजनक है क्योंकि दुनिया में मलेरिया से होने वाली मौतों में से 95 प्रतिशत अफ्रीका में होती हैं, और इनमें भी सबसे अधिक प्रभावित बच्चे होते हैं।
गौरतलब है कि आर्टेमिसिनिन मलेरिया के इलाज में अहम है। हल्के मामलों में इसे एक अन्य दवा के साथ दिया जाता है, जिसे आर्टेमिसिनिन-आधारित संयोजन उपचार (ACTs) कहा जाता है। गंभीर मामलों में, आर्टेसुनेट (तेज़ी से असर करने वाली आर्टेमिसिनिन) को शिराओं में इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है, और इसके बाद ACT दिया जाता है। यह उपचार खासकर बच्चों के लिए जीवनरक्षक है।
लेकिन युगांडा के जिन्जा में किए गए एक अध्ययन में गंभीर मलेरिया से पीड़ित 10 प्रतिशत बच्चों में आर्टेमिसिनिन के प्रति आंशिक प्रतिरोध का पता चला है। इसका मतलब है कि यह दवा मलेरिया परजीवी (प्लाज़्मोडियम फैल्सिपेरम) को उम्मीद से अधिक समय में खत्म करती है।
6 महीने से 12 साल की आयु के गंभीर मलेरिया से पीड़ित 100 बच्चों पर किए गए अध्ययन में 11 बच्चों में आर्टेमिसिनिन के प्रति आंशिक प्रतिरोध देखा गया। वहीं 10 बच्चों में इलाज पूरा होने के बाद दोबारा संक्रमण हुआ, जिससे सहयोगी दवा लुमेफैंट्रिन की प्रभाविता पर सवाल खड़े होते हैं।
जेनेटिक विश्लेषण से पता चला कि परजीवी में कुछ विशेष म्यूटेशन आर्टेमिसिनिन के धीमे प्रभाव के लिए ज़िम्मेदार हैं। हालांकि, कुछ मामलों में संक्रमण के दोबारा होने से लुमेफैंट्रिन के प्रति प्रतिरोध की संभावना भी नज़र आई, जिसके लिए अधिक गहराई से जांच की ज़रूरत है।
आर्टेमिसिनिन के आंशिक प्रतिरोध का मामला 2000 के दशक में दक्षिण-पूर्व एशिया में पता चला था, और तभी से यह वैश्विक चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि अध्ययन में शामिल सभी बच्चे ठीक हो गए, लेकिन परजीवी को खत्म करने में देरी गंभीर मामलों में मृत्यु दर बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों को डर है कि अफ्रीका, जहां मलेरिया सबसे अधिक है, में बढ़ता यह प्रतिरोध वैश्विक मलेरिया नियंत्रण प्रयासों को बाधित कर सकता है और दशकों की मेहनत पर पानी फेर सकता है।
तो आगे क्या किया जाए?
1. अधिक शोध: इन निष्कर्षों की पुष्टि और संयोजक दवा प्रतिरोध की भूमिका को समझने के लिए अधिक शोध आवश्यक हैं।
2. उपचार दिशा-निर्देशों को अद्यतन करना: यदि प्रतिरोध फैलता है तो वैकल्पिक उपचार या नई दवाओं के संयोजन की ज़रूरत होगी। 3. मज़बूत निगरानी: प्रतिरोध के पैटर्न को ट्रैक करने और त्वरित कार्रवाई के लिए उचित निगरानी की आवश्यकता है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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