गर्मियों में लोग राहत के लिए पंखे (fans) चलाते हैं। इस मामले में यूएस के सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल (CDC – Center for Disease Control) ने 32.2 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान (temperature) पर ही पंखे चलाने की सलाह दी है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO – World Health Organization) की सलाह है कि 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर पंखा चला सकते हैं। सवाल उठता है कि पंखे का उपयोग कब सुरक्षित (safe usage) है और कब तकलीफदायक?
इसके समाधान के लिए दो अध्ययनों (studies) ने तापमान और नमी (humidity) दोनों को ध्यान में रखते हुए यह निर्धारित करने का प्रयास किया है कि पंखे का उपयोग कब फायदेमंद (beneficial) है और कब नुकसानदेह।
दी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (The New England Journal of Medicine) में प्रकाशित एक अध्ययन (study) में, शोधकर्ताओं (researchers) ने 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों पर दो परिस्थितियों में पंखे के असर का परीक्षण किया – एक गर्म और नम (38 डिग्री सेल्सियस और 60 प्रतिशत आर्द्रता) तथा दूसरी गर्म और शुष्क (45 डिग्री सेल्सियस और 15 प्रतिशत आर्द्रता)। परिणामों से पता चला कि नम परिस्थिति में, पंखे 38 डिग्री सेल्सियस तक भी फायदेमंद (effective cooling) थे। पंखे ने पसीने को अधिक प्रभावी ढंग से वाष्पित करने में मदद की, जिससे हृदय सम्बंधी तनाव (cardiovascular stress) 31 प्रतिशत तक कम हुआ। इस स्थिति में जब प्रतिभागियों पर पानी (water spray) छिड़का गया तो उनके हृदय सम्बंधी तनाव में 55 प्रतिशत तक की कम आई। दूसरी ओर शुष्क गर्मी में परिणाम बिलकुल अलग थे। कम नमी में 45 डिग्री सेल्सियस पर पंखा हानिकारक (harmful effects) साबित हुआ। नमी की कमी के कारण पसीना बहुत जल्दी वाष्पित हो गया, जिससे बहुत कम ठंडक मिली। नतीजा, प्रतिभागियों को गंभीर हृदय तनाव हुआ और प्रयोग जल्दी रोकना पड़ा। इससे पता चलता है कि नमी की उपस्थिति में पंखे सुरक्षित (safe fans) हैं और CDC द्वारा सुझाए गए तापमान से अधिक तापमान पर भी फायदेमंद हैं। लेकिन शुष्क गर्मी में पंखे गर्म हवा को फैलाकर गर्मी बढ़ा सकते हैं।
जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (Journal of American Medical Association) में प्रकाशित दूसरे अध्ययन में ओटावा विश्वविद्यालय (University of Ottawa) की प्रयोगशाला में इसी तरह के परीक्षण किए गए। वहां कमरे में नमी 45 प्रतिशत और तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रखा गया। पंखा चलाने पर शरीर का कोर तापमान (core body temperature) 0.1 डिग्री सेल्सियस तक कम हुआ और हृदय गति (heart rate) थोड़ी कम हुई लेकिन इसके लाभ पहले अध्ययन की तरह नहीं थे। इस अध्ययन का निष्कर्ष है कि पंखे कुछ हद तक राहत (relief) दे सकते हैं, लेकिन 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर वृद्धों को ठंडक देने में प्रभावी नहीं होते।
तो क्या करें? WHO ने पंखे के इस्तेमाल की सीमा 40 डिग्री सेल्सियस तक रखी है, CDC 32.2 डिग्री सेल्सियस की सीमा पर कायम है। लेकिन दोनों संगठन इस बात पर सहमत हैं कि पंखे के इस्तेमाल की सुरक्षित स्थिति (safe conditions) निर्धारित करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है। तो, सटीक सलाह आने तक आप अपनी सहूलियत (comfort) के हिसाब से पंखा चलाएं और जिस तापमान पर आपको पंखे से परेशानी होने लगे, पंखा बंद करने से न झिझकें। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.science.org/do/10.1126/science.z1brq6y/full/_20241105_on_heat_fans-1731006811363.jpg