बिल्लियां इतनी लचीली होती हैं कि लोगों ने उन्हें पानी की उपमा दे डाली है जो कितनी भी कम जगह से बाहर निकल जाता है, किसी भी आकार में ढल जाता है। बिल्लियों के ऐसे करतब कभी न कभी आपने भी देखे होंगे।
लेकिन क्या बिल्लियां खुद को लचीला मानती हैं? क्या वे किसी छोटे छेद (small hole) या संकरी संद (narrow space) में से गुज़रने के पहले अपने शरीर के आकार (body size) को ध्यान में रखकर यह सोचती हैं कि वे इसमें से निकल पाएंगी या नहीं? कुल मिलाकर सवाल है कि क्या बिल्लियों को अपने डील-डौल (cat’s body awareness) के बारे में बोध होता है?
ओटवोस लोरैंड विश्वविद्यालय के पीटर पोंग्रेज़, जिन्होंने कुत्तों और बिल्लियों की समझ-बूझ (cognitive understanding) पर काफी शोध किए हैं, ने इस बार बिल्लियों पर अध्ययन के लिए यही सवाल चुना। अध्ययन के लिए उन्होंने 30 पालतू बिल्लियां (domestic cats) चुनी। बिल्लियों के साथ प्रयोगशाला में अध्ययन करना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए अध्ययन उन्होंने सभी बिल्लियों के घर जा-जाकर किए।
अध्ययन के लिए उन्होंने कमरे में एक ऐसा लकड़ी के पैनल का पार्टीशन (wooden partition) लगाया जिसमें एक आयताकार छेद बना हुआ था, और इस आयताकार छेद को (लंबाई और चौड़ाई में) छोटा-बड़ा किया जा सकता था। इस छेद के अलावा, कमरों की सारी ऐसी जगहों को ठीक से बंद कर दिया गया था, जहां से बिल्लियों के निकलने की संभावना हो सकती थी। पार्टीशन के एक तरफ बिल्ली को रखा जाता था और दूसरी तरफ बैठे उनके मालिक उन्हें पुकारते थे।
इस पुकार प्रक्रिया में, जब पैनल में छेद बड़ा था – इतना बड़ा कि छेद की ऊंचाई और चौड़ाई बिल्लियों की ऊंचाई (height of the cat) और चौड़ाई (width of the cat) से अधिक थी – तो बिल्लियां बेहिचक फर्राटे से उसमें से निकल रही थीं। फिर छेद की चौड़ाई को उतना (आरामदायक) ही रखा, लेकिन ऊंचाई थोड़ी-थोड़ी कम की गई और दूसरी ओर से बिल्लियों के मालिक उन्हें पुकारते रहे। अब बिल्लियां थोड़ा हिचकिचाने लगीं, शायद उन्हें लग रहा था कि उनका कद (cat’s size) इस छेद से बहुत अधिक है। लेकिन हिचकिचाहट के बाद भी वे इस छेद से निकलने की कोशिश करती रहीं; तब भी जब छेद उनके कद का आधा था। इससे लगता है कि बिल्लियों को अपने शरीर के साइज़ (size perception) के बारे में कुछ तो अंदाज़ा है।
लेकिन चौड़ाई के मामले में नतीजे अलग रहे। शोधकर्ताओं ने ऊंचाई को आरामदायक स्थिति में स्थिर रखकर चौड़ाई को थोड़ा-थोड़ा कम किया। छेद चाहे कितना भी संकरा क्यों न हो गया हो – यहां तक कि बिल्लियों की चौड़ाई का आधा भी – बिल्लियां छेद से निकलने से पहले कभी नहीं हिचकिचाई। छेद से निकलने में उनकी गति ज़रा भी धीमी नहीं हुई। इससे लगता है कि बिल्लियां अपनी चौड़ाई का अंदाज़ा (cat’s width awareness) नहीं लगा पातीं; वे तो बस अपने लचीले शरीर (flexible body) का फायदा उठाती हैं, कोशिश करती रहती हैं और संकरी से संकरी जगह (narrow spaces) से निकल लेती हैं।
ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि बिल्लियां अधिक लचीली (flexibility in cats) होती हैं, इसलिए उन्हें केवल कुछ ही मामलों में अपने शरीर के आकार का ध्यान रखना होता होगा। लेकिन वास्तव में बिल्लियां अपने शरीर की साइज़ (body size awareness in cats) के बारे में क्या सोचती हैं यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
फिलहाल जितना भी पता चला है, उस जानकारी का इस्तेमाल बिल्लियों के मालिक उनके लिए घर, खेल के मैदान वगैरह को सुरक्षित रखने (safety for cats) में कर सकते हैं, ताकि बिल्लियां किसी छोटी-संकरी जगह में न फंस जाएं। ये नतीजे आईसाइंस (iScience journal) में प्रकाशित हुए हैं। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.science.org/do/10.1126/science.z3tzzrq/full/_20240920_nib_liquid_cats-1726585414067.jpg