ज़ुबैर सिद्दिकी
हाल ही के शोध में उच्च वसा आहार (high-fat diet), आंत के बैक्टीरिया (gut bacteria) और स्तन कैंसर (breast cancer) के बीच सम्बंध का पता चला है। प्रोसीडिंग्स ऑफ दी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ (Proceedings of the National Academy of Sciences) में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार वसायुक्त आहार से पनपने वाला डीसल्फोविब्रियो नामक आंत का बैक्टीरिया, प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को कमज़ोर करके ट्यूमर (tumor) के विकास में मदद करता है।
चीन के सुन यट-सेन मेमोरियल अस्पताल में स्तन कैंसर सर्जन एरवेई सोंग के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि ये बैक्टीरिया कैंसर की रफ्तार (cancer progression) को कैसे प्रभावित करता है। शोधकर्ताओं की रुचि विशेष रूप से इस बात में थी कि उच्च बॉडी मास इंडेक्स (high BMI) वाले लोगों में स्तन कैंसर के उपचार के बाद जीवित रहने की दर कम क्यों होती है।
टीम ने स्तन कैंसर ग्रस्त 61 रोगियों के ऊतक और मल के नमूनों का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि 24 से अधिक BMI वाली महिलाओं में, 24 से कम BMI वाली महिलाओं की तुलना में डीसल्फोविब्रियो की संख्या अधिक थी।
आगे के प्रयोग चूहों पर किए गए। शोधकर्ताओं ने कुछ चूहों को उच्च वसा आहार दिया जिसके बाद इन चूहों की आंतों में डीसल्फोविब्रियो अधिक मात्रा में पाए गए। बैक्टीरिया में इस वृद्धि के साथ एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका – MDSC – का भी उच्च स्तर मिला। अस्थि मज्जा में बनने वाली ये कोशिकाएं प्रतिरक्षा तंत्र को कमज़ोर करती हैं, जिसके चलते ट्यूमर अनियंत्रित रूप से बढ़ सकता है।
उच्च वसा आहार वाले चूहों के रक्त में अमीनो एसिड ल्यूसीन का स्तर भी अधिक पाया गया। ल्यूसीन का निर्माण डीसल्फोविब्रियो तथा आंत के अन्य बैक्टीरिया करते हैं। जब चूहों का उपचार डीसल्फोविब्रियो को खत्म करने वाले एंटीबायोटिक्स (antibiotics) से किया गया, तो ल्यूसीन और MDSC दोनों का स्तर सामान्य हो गया – यह बैक्टीरिया, ल्यूसीन और कमज़ोर प्रतिरक्षा के बीच सम्बंध का संकेत था।
स्तन कैंसर रोगियों के रक्त के विश्लेषण से पता चला कि उच्च BMI वाले लोगों में ल्यूसीन और MDSC दोनों का स्तर अधिक था। इन रोगियों की जीवित रहने की दर भी कम थी।
इस खोज से पता चलता है कि उच्च वसा वाले आहार से लाभान्वित होकर डीसल्फोविब्रियो बैक्टीरिया शरीर की प्रतिरक्षा को कमज़ोर करके कैंसर के विकास में योगदान दे सकते हैं। कई वैज्ञानिक इसे कैंसर अनुसंधान (cancer research) में एक नई दिशा के रूप में देखते हैं। अलबत्ता, आंत की सूक्ष्मजीव जगत संरचना आहार पर निर्भर करती है, इसलिए यह पता करना होगा कि क्या ये निष्कर्ष सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं।
यह अध्ययन आहार, आंत के बैक्टीरिया और कैंसर के बीच जटिल परस्पर क्रिया को उजागर करता है और सुझाता है कि हमारे सूक्ष्मजीव संसार में फेरबदल कैंसर चिकित्सा का हिस्सा बन सकता है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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