आम फलों का राजा क्यों है? – डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन

देश में आम का मौसम जारी है, और इसी के साथ यह बहस भी कि आम की कौन सी किस्म सबसे बढ़िया है। हम तेलंगाना के लोगों का कहना है कि ‘बंगनपल्ली’ और ‘बेनिशां’ आम का कोई सानी नहीं है; आम की कोई भी अन्य किस्म इनके आसपास भी नहीं ठहरती। मेरी पत्नी और उनका परिवार गुजरात से है; उनका कहना है कि सबसे अच्छे आम रत्नागिरी या हापुस (Alphonso) हैं। और उत्तर प्रदेश के रहवासी मेरे दोस्त दसहरी आम के गुण गाते नहीं थकते।
आम के बगीचे लगाने, पैदावार और आम के शौकीन लोगों के हिसाब से भारत पहले नंबर पर है और फिर चीन, थाईलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस, पाकिस्तान और मेक्सिको का नंबर आता है। हालांकि, दुनिया भर में पैदा होने वाले कुल आमों में से 54.2 प्रतिशत के योगदान साथ भारत आम उत्पादन में सबसे अव्वल है। हम न सिर्फ सबसे ज़्यादा आम खाते हैं, बल्कि निर्यात भी करते हैं। पिछले साल हमने 28,000 मीट्रिक टन आम निर्यात किए थे और इससे करीब 4 अरब रुपए कमाए थे।
डॉ. के. टी. अचया अपनी पुस्तक ए हिस्टोरिकल डिक्शनरी ऑफ इंडियन फूड में बताते हैं कि आम मूलत: भारत का देशज है, जिसे उत्तरपूर्वी पहाड़ों और म्यांमार में उगाया जाता था, और पड़ोसी देशों में निर्यात किया जाता था। आजकल, आम के बगीचे उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लगाए जाते हैं; प्रत्येक राज्य के फलों का अपना विशेष स्वाद होता है।
पिछली गणना के अनुसार, भारत में आम की 1000 से अधिक किस्में हैं। इतनी विविध किस्मों का श्रेय जाता है आम के पौधों की आसान ग्राफ्टिंग को। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तीन केन्द्र आम अनुसंधान में अग्रणी हैं। इसके अलावा, नई दिल्ली स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन प्लांट बायोटेक्नॉलॉजी आम के पौधे के बुनियादी जीव विज्ञान को समझने के लिए उसके जीनोम का विश्लेषण कर रहा है। इस संस्थान के डॉ. नागेंद्र सिंह और उनके साथियों द्वारा इंडियन जर्नल ऑफ दी हिस्ट्री ऑफ साइंस में प्रकाशित शोध पत्र में इस पहलू पर चर्चा की गई है। हाल ही में, आर. सी. जेना और पी. के. चांद ने भारतीय आम के डीएनए में विविधता का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया है, जो बताता है कि हर क्षेत्र के आम की आनुवंशिकी में विविधता होती है, नतीजतन अलग-अलग जगहों के आम का आकार, रंग और स्वाद अलग होता है (साइंटिफिक रिपोर्ट, 2021)।
आम को फलों का राजा क्यों कहा जाता है? पूरे देश में, आम के अलावा कई अन्य मौसमी फल भी मिलते हैं और खाए जाते हैं। इनमें से कुछ मौसमी फल हैं अंगूर, अमरूद, कटहल, पपीता, संतरा। फिर, केले जैसे कुछ फल साल भर मिलते हैं। फिर भी, आम को फलों का राजा कहा जाता है। इसका कारण यह है कि आम न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह सबसे स्वास्थ्यप्रद भी है; अन्य फलों के मुकाबले एक आम से अधिक विटामिन A, B, C, E और K, तथा अन्य धात्विक यौगिक (मैग्नीशियम, कॉपर, पोटेशियम), और एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। हालांकि इनमें से कुछ स्वास्थ्य लाभ कई अन्य फलों से भी मिलते हैं, लेकिन आम सबमें अव्वल है क्योंकि इसमें अन्य की तुलना में विटामिन, खनिज और फाइबर सबसे अधिक होते हैं। इसलिए इसकी बादशाहत है।
अमेरिका के क्लीवलैंड क्लीनिक की वेबसाइट पर एक दिलचस्प लेख है, जिसका शीर्षक है: मैंगोलिशियस: आम के प्रमुख छह स्वास्थ्य लाभ (Mangolicious: the top six health benefits of mango)। ये लाभ हैं :
यह आपका पेट दुरुस्त करता है; इसका उच्च फाइबर परिमाण कब्ज़ और पेट फूलने से निपटने में मदद करता है;
आम भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो आपको अपने स्वास्थ्यकर खाने के लक्ष्यों पर टिके रहने में मदद कर सकता है;
आम में मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट बालों और त्वचा को स्वस्थ रखते हैं;
इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं;
आम खाने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है; और
आम में मौजूद एक एंटीऑक्सीडेंट – मैंगिफेरिन – कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद करता है। और तो और, हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक शोध दल ने भी यह पता लगाया है कि मैंगिफेरिन अल्सर को कम करता है।
स्वाद, किस्में, उपलब्धता और स्वास्थ्य लाभ – इन सभी के मद्देनज़र चलिए हम सभी अपने-अपने पसंदीदा बादशाह आम का लुत्फ उठाएं! (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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