विश्व भर में हर वर्ष 10 करोड़ से अधिक मूत्र कैथेटर लगाए जाते हैं जिनके रास्ते होने वाले मूत्र मार्ग संक्रमणों (यूटीआई) को रोकना चिकित्सकों के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या होती है। साइंस एडवांसेस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कृत्रिम बुद्धि (एआई) की मदद से एक नवीन मूत्र कैथेटर डिज़ाइन प्रस्तुत हुई है। यह कैथेटर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किए बिना कैथेटर के रास्ते होने वाले मूत्रमार्ग संक्रमण (यूटीआई) के जोखिम को कम कर सकता है।
गौरतलब है कि पारंपरिक कैथेटर अंदर से चिकने होते हैं जिसके कारण बैक्टीरिया के लिए ऊपर की ओर बढ़ना और आंतरिक सतह पर टिकना सहज हो जाता है। यही बैक्टीरिया यूटीआई का कारण बनते हैं।
नवीन कैथेटर में एक अनोखा इंटीरियर तैयार किया गया है। इसकी अंदरुनी संरचना से एक ऐसा बाधापूर्ण मार्ग तैयार होता है जो बैक्टीरिया को पकड़ प्राप्त करने और मूत्राशय तक पहुंचने से रोकता है।
पूर्व में चिकित्सक बैक्टीरिया को मारने के लिए कैथेटर की आंतरिक सतह पर एंटीबायोटिक दवाओं या चांदी जैसे धातु एजेंटों का लेप करते थे। ये तरीके महंगे होते हैं और बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी क्षमता विकसित होने की आशंका रहती है। नया उपकरण किसी विशेष अस्तर की बजाय सरल ज्यामिति पर काम करता है।
इस अध्ययन की सह-लेखक और कंप्यूटर वैज्ञानिक अनिमाश्री आनंदकुमार बताती हैं कि यह डिज़ाइन सरल ज्यामिति से प्रेरित है जिसमें नुकीले त्रिकोण के आकार की लकीरों की एक शृंखला है। इस प्रकार के कैथेटर में जब बैक्टीरिया ऊपर की ओर तैरने का प्रयास करते हैं तो इन कंटकों के कारण उनकी ऊपर की ओर बढ़ने की गति बाधित होती है। इसको डिज़ाइन करते हुए शोधकर्ताओं ने सबसे प्रभावी बैक्टीरिया-विकर्षक रचना की पहचान करने के लिए एआई की मदद से हज़ारों डिज़ाइनों की डिजिटल अनुकृतियां तैयार कीं। सर्वोत्तम डिज़ाइन चुनने के बाद, उन्होंने कैथेटर का 3-डी प्रोटोटाइप तैयार किया और ई. कोली बैक्टीरिया पर इसका और सामान्य कैथेटर का परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि 24 घंटों की अवधि में पारंपरिक कैथेटर की तुलना में नवनिर्मित प्रायोगिक कैथेटर में सौवें हिस्से से भी कम बैक्टीरिया जमा हुए थे।
फिलहाल वर्तमान डिज़ाइन यूटीआई से जुड़े एक सामान्य बैक्टीरिया ई. कोली के हिसाब से बनाई गई है लेकिन शोधकर्ता अन्य जीवाणु प्रजातियों को ध्यान में रखते हुए इस डिज़ाइन को और अधिक परिष्कृत करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि इसे रोगाणुओं की एक विस्तृत शृंखला की रोकथाम के लिए तैयार किया जा सके। देखा जाए तो उपकरण डिज़ाइन में एआई की क्षमता कैथेटर से कहीं आगे तक है। फिलहाल आनंदकुमार एआई का उपयोग दवाएं विकसित करने, ऊर्जा-कुशल हवाई जहाज़ प्रोपेलर डिज़ाइन करने और कई अन्य चीज़ों के लिए कर रही हैं। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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