स्मृति ह्रास से कैसे निपटें – डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन

स्सी की उम्र पार कर गए मुझ जैसे कई वरिष्ठ नागरिक अक्सर उन लोगों को भूल जाते हैं जिन्हें वे पहले मिल चुके होते हैं या बहुत अच्छी तरह से जानते थे। अक्सर वे ऐसी स्थिति में हैरान या शर्मिंदा हो जाते हैं जब उनकी मुलाकात ऐसे किसी व्यक्ति से हो जाती है और वे पूछ बैठते हैं कि “अंकल आप कैसे हैं?”, “अंकल, क्या आपको याद है मैं आपके घर आया था?” या, “हैलो मेरे दोस्त, कितने अरसे बाद मिले हो; कैसे हो तुम?”

इस प्रकार के अस्थायी ब्लैकआउट आम बात हैं। इस बारे में मेरे युवा सहकर्मी डॉ. दुर्गादास कस्बेकर ने कुछ प्रासंगिक और मज़ेदार उद्धरण सुनाए।

उनमें से एक सर नॉर्मन विसडम का है, जो लिखते हैं: “जैसे-जैसे आप बूढ़े होते हैं, तीन चीज़ें घटित होती हैं। पहली कि आपकी याददाश्त जाने लगती है, और बाकी दो मुझे याद नहीं हैं।”

ऐसा ही कुछ अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन ने भी लिखा था: “मैं जितना बूढ़ा होता जाता हूं, उतने ही अच्छे से मुझे वे चीज़ें याद रहती हैं (या याद आती हैं) जो पहले कभी हुई ही नहीं थीं!

विपरीत स्थिति

इसके एकदम विपरीत कई बहुत बूढ़े व्यक्ति ऐसे होते हैं, जिन्हें अपने जीवन में घटी हर घटना और हर वह शख्स याद रहता है जिससे वे मिले थे। इसका एक बेहतरीन उदाहरण डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन हैं, जिनका हाल ही में 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने अपने प्रयासों से 50 वर्षों के भीतर भारत को खाद्य-आयात करने वाले देश से खाद्य-निर्यात करने वाले देश में बदल दिया। डॉ. स्वामीनाथन की स्मृति अद्भुत थी, उन्हें लोग और घटनाएं बहुत अच्छे से याद रहती थीं। निश्चित ही वे नॉर्मन विसडम और मार्क ट्वेन के कथनों के जवाब थे!

ऐसी ही एक और मिसाल बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी सी. डी. गोपीनाथ की है, जिन्होंने 1951-52 में क्रिकेट में पदार्पण किया था और अब वे 93 वर्ष के हैं।

लेकिन प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक इतना खुशनसीब नहीं होता। तो हम भूलने की बीमारी से कैसे निपट सकते हैं? कुछ युक्तियां इस नए कौशल को सीखने में उपयोगी हो सकती हैं; नियमित दिनचर्या अपनाएं; कार्यों की योजना बनाएं, कामों की सूची बनाएं, और कैलेंडर एवं नोट्स जैसे मेमोरी टूल का उपयोग करें; अपना बटुआ, चाबियां, फोन और चश्मा हर दिन नियत जगह पर ही रखें; ऐसी गतिविधियां करें जिनमें दिमाग और शरीर दोनों व्यस्त रहते हैं; स्मृति ह्रास से निपटने के लिए अपने समुदाय में कोई काम स्वैच्छिक तौर पर करें – जैसे किसी स्कूल में या किसी इबादतगाह में; परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं; पर्याप्त नींद लें – सामान्यत: हर रात सात-आठ घंटे की; व्यायाम करें और अच्छा खाएं; उच्च रक्तचाप से बचें या नियंत्रित रखें; शराब पीने से बचें या कम कर दें; और यदि आप लगातार कई हफ्तों से मायूसी (अवसाद) महसूस कर रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें। व्यक्तिगत रूप से, मैंने इन सभी युक्तियों को अपनाने का प्रयास किया है, और इन्हें बहुत उपयोगी पाया है।

स्मृति ह्रास को धीमा करने और दिमाग को चुस्त और सक्रिय रखने के अन्य विभिन्न तरीके क्या हैं? आश्चर्य होगा कि आज के कंप्यूटर वीडियो गेम के ज़माने में स्मृति ह्रास को धीमा रखने के मामले में वर्ग पहेली ने कंप्यूटर गेम्स को मात दे दी है। यह रिपोर्ट कोलंबिया युनिवर्सिटी के डॉ. डी. पी. देवानंद और ड्यूक युनिवर्सिटी के मुरली दोरईस्वामी द्वारा हाल ही में 107 लोगों के साथ किए गए एक कंट्रोलशुदा रैंडम परीक्षण की है।

व्यक्तिगत तौर पर, मुझे वर्ग पहेलियां भरना, पांच, छह और सात अक्षरों के गड्ड-मड्ड मिश्रण से सार्थक शब्द बनाना (sufmao से famous) और सुडोकू हल करना बहुत उपयोगी लगता है। अन्य वरिष्ठ नागरिक अखबारों में छपे ऐसे और अन्य तरह के खेल, पहेलियां आज़मा सकते हैं। तो, मेरे बुज़ुर्ग मित्रों, स्मृति ह्रास को धीमा करने के लिए उपरोक्त सभी 11 युक्तियां अपनाएं और जो पहेलियां हल करना पसंद हो उन्हें हल करें!(स्रोत फीचर्स)

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 7 6  3 2
       1 
  1 9  2 
 39   48 
 2  7 5  
 1       
8 3  5 9 
4    3  5

इस लेख में पहेलियां हल करने का सुझाव दिया गया है। ऐसी ही एक पहेली सुडोकु है। करके देखिए। नियम तो आपको पता ही होंगे – हरेक छोटे चौखाने में 1 से 9 तक के अंक भरने हैं, लेकिन प्रत्येक आड़ी और खड़ी पंक्ति और प्रत्येक बड़े चौखाने में कोई अंक दोहराया नहीं जाएगा।

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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