कीटों से प्रेरित आधुनिक जलीय रोबोटिक्स




व्हर्लिगिग बीटल

प्रकृति से प्रेरणा लेते हुए वैज्ञानिकों द्वारा पानी पर तैरने वाले कीटों की अद्भुत क्षमताओं का उपयोग अब उन्नत जलीय रोबोट विकसित करने में किया जा रहा है। रिपल बग और व्हर्लिगिग बीटल नामक दो प्रजातियों की पानी पर अनोखी चपलता और गति ने एक जलीय रोबोट की एक नई तकनीक की प्रेरणा दी है।

इस खोज के लिए युनिवर्सिटी ऑफ मैन के जीवविज्ञानी विक्टर ओर्टेगा जिमेनेज़ ने रैगोवेलिया वॉटर स्ट्राइडर्स, जिसे रिपल बग भी कहा जाता है, की चाल-ढाल को समझने का प्रयास किया। जब ये छोटे कीट पानी की सतह पर तेज़ी से गुज़रते हैं तो पक्षियों जैसे प्रतीत होते हैं और इतनी तेज़ रफ्तार से मुड़ते हैं मानो हवा में उड़ रहे हों। जांच से पता चला कि कीट की बीच वाली टांगों के सिरों पर पंखे होते हैं। मुड़ते समय ये कीट अपने शरीर के एक तरफ के पंखे फैलाते हैं, जिससे शरीर के एक ओर रुकावट पैदा होती है जबकि दूसरी ओर की टांगें सामान्य ढंग से फिसलती रहती हैं। इस स्थिति में ये 50 मिलीसेकंड से भी कम समय में तेज़ी से 180° मुड़ जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान वे न्यूनतम ऊर्जा खर्च करते हुए लंबे समय तक ज़िगज़ैग मार्ग अपनाकर आगे बढ़ते हैं।

यह काफी आश्चर्य की बात है कि जब शोधकर्ताओं ने मृत स्ट्राइडर्स को पानी में डाला, तब भी उनके पंखे खुले क्योंकि उनके पैर सतह से नीचे डूबे थे। इससे यह पता चलता है कि पंखे खोलने के लिए मांसपेशियों की आवश्यकता नहीं होती है। इस तरह मुड़ने के लिए रिपल बग को केवल अपने शरीर को थोड़ा एक ओर झुकाने की ज़रूरत होती है, जिससे पंखे डूबकर खुल जाते हैं और एक तरफ रुकावट बढ़ जाती है।

रिपल बग

एजू विश्वविद्यालय के मेकेनिकल इंजीनियर किम डोंगजिन ने जिमेनेज़ के साथ मिलकर एक रैगो-बॉट का निर्माण किया जो रिपल बग की नकल करता है। हालांकि, इस रोबोट ने शांत पानी में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन व्यापक रोबोटिक अनुप्रयोगों के लिए जटिल पंखे तैयार करना चुनौतीपूर्ण है।

इसी प्रकार के एक अन्य अध्ययन में, कॉर्नेल युनिवर्सिटी के इंजीनियर क्रिस रोह ने एक छोटे कीट व्हर्लिगिग बीटल की जलीय कलाबाज़ियों का पता लगाया। इन प्राणियों ने प्रति सेकंड अपने शरीर से 100 गुना दूरी तेज़ गति से तय की। पूर्व धारणाओं के विपरीत, शोधदल ने पाया कि कीट ने यह गति पानी के माध्यम से अपने पैरों को पतवार की तरह सीधे पीछे धकेलकर नहीं बल्कि अपने पैरों को नीचे की ओर तथा शरीर के आर-पार ले जाकर हासिल की है। इस अनूठी गति ने हेलीकॉप्टर ब्लेड के समान एक लिफ्ट बल उत्पन्न किया, जिसने बीटल की गति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पानी में भंवर बनाने में व्हर्लिगिग बीटल और रिपल बग के बीच समानताओं को देखते हुए जिमेनेज़ ने बीटल की गति में लिफ्ट की भूमिका को निर्धारित करने के लिए द्रव गतिकी में अधिक गहन जांच की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।

ये अध्ययन जलीय रोबोटिक्स के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं। और जीव विज्ञानियों, भौतिकविदों और इंजीनियरों के बीच सहयोग बायोमिमिक्री को सशक्त करेगा, जिसमें प्रकृति के जटिल तंत्र नवीन टेक्नॉलॉजीगत समाधानों की प्रेरणा बनते हैं। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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