लगभग पांच लाख साल पहले मध्य अफ्रीका के प्राचीन मनुष्यों ने पेड़ों को काटकर खुदाई के औज़ार, फच्चर और अन्य चीज़ें बनाई थीं। 1950-60 के दशक में ज़ाम्बिया के कलाम्बो फॉल्स नामक पुरातात्विक स्थल पर खुदाई के दौरान लकड़ी की ऐसी वस्तु मिली थी जो किसी बड़े ढांचे का हिस्सा लगती थी। लेकिन तब यह पता नहीं चल पाया था कि यह कितनी पुरानी है, इसे किसने बनाया था, और ना ही यह समझ आया था कि वह पूरा ढांचा क्या रहा होगा। लेकिन हो सकता है कि यह एक चौपाल था, या आश्रय था, या कुछ और।
ढांचा चाहे जो रहा हो लेकिन नेचर पत्रिका की एक रिपोर्ट बताती है कि हमसे बहुत पहले अस्तित्व में रहे होमिनिन लोग लकड़ी का काम कर रहे थे, शायद होमो सेपिएन्स के आगमन से एक लाख साल पहले।
युनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के पुरातत्वविद लैरी बरहैम और उनकी टीम ने 2000 के दशक में आधुनिक तकनीकों के साथ पुन: इस स्थल पर खुदाई शुरू की। हालांकि वे लकड़ी के औज़ारों का विश्लेषण करने की मंशा से नहीं बल्कि पत्थर के औज़ार खोजने गए थे। बहरहाल, खुदाई में उन्हें लकड़ी के कई ऐसे टुकड़े मिले जिन्हें, लगता था कि तराशा गया है। साथ ही उन्हें लकड़ी का एक 1.4 मीटर लंबा लट्ठा भी मिला, जिसके सिरे संकरे थे और सिरों को एक ओर से काट-छील कर एक खांचा बनाया गया था, जिस पर एक अन्य बड़ी लकड़ी टिकी हुई थी।
वहां मिली कई लकड़ी की वस्तुओं पर इरादतन तराशने के निशान मिले थे (जैसे खुरचने के)। ये निशान वैसे ही थे जैसे होमो सेपियन्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य जल-जमाव वाले स्थानों पर मिली लकड़ी की वस्तुओं पर मिले थे। इनमें से एक छोटी लकड़ी ऐसी लग रही थी जैसे वह खुदाई के लिए हो; दूसरी फच्चरनुमा आकृति लग रही थी।
लेकिन खुदाई में मिलीं लकड़ी की दो बड़ी वस्तुएं क्या होंगी यह अस्पष्ट था। ये काष्ठकृतियां कुछ लिंकन लॉग्स खिलौने जैसी थीं जिनके सिरों पर चौड़े खांचे होते हैं, जिनके ज़रिए उन्हें एक-दूसरे में लंबवत फंसाया जा सकता है। बरहैम का कहना है कि खुदाई में मिली लकड़ियों पर खांचे भी शायद इसी उद्देश्य से बनाए गए होंगे। शायद वे मछली पकड़ने के लिए मचान बना रहे होंगे या कोई ऊंचा रास्ता या आश्रय स्थल बना रहे होंगे। फिलहाल ये सिर्फ अनुमान हैं, और सामग्री मिले तो बेहतर अनुमान लगाए जा सकेंगे।
ल्यूमिनिसेंस डेटिंग से पता चलता है कि ये बड़ी लकड़ियां कम से कम 4,76,000 वर्ष पुरानी हैं, और कुछ छोटे औज़ार इनसे थोड़ बाद के हैं। हालांकि कलाम्बो फॉल्स में होमिनिन के कोई अवशेष नहीं मिले हैं, लेकिन एक अन्य स्थल से तीन लाख साल पुरानी एक खोपड़ी मिली है जिसकी पहचान होमो हाईडलबरजेंसिस के रूप में की गई है।
वैसे अन्य पुरातत्वविदों को होमिनिन द्वारा काष्ठकारी पर अचरज नहीं हुआ है। इसी समय के आसपास, अफ्रीका और दुनिया के अन्य हिस्सों से लकड़ी पर जुड़े पत्थर के औज़ार मिले हैं। इस स्थल की और अधिक खुदाई से यह भी पता चल सकता है कि क्या लकड़ी का परिरक्षण किया जाता था।(स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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