एक हालिया अध्ययन के अनुसार वर्ष 2020 से 2050 के बीच कैंसर पर 25 ट्रिलियन डॉलर खर्च होने की संभावना है। यह राशि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद पर 0.55 प्रतिशत के वार्षिक कर के बराबर है। इस विश्लेषण में 29 प्रकार के कैंसर से बीमार होने या मरने वाले लोगों द्वारा उपचार की लागत और आर्थिक उत्पादकता की हानि का अनुमान लगाया गया है। सबसे महंगे कैंसर में फेफड़े, आंत, स्तन और लीवर शामिल हैं जिनका वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक प्रकोप होता है। जामा ऑन्कोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार कैंसर की जांच, निदान और उपचार पर खर्च में वृद्धि से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पर्याप्त स्वास्थ्य और आर्थिक लाभ मिलता है। 75 प्रतिशत कैंसर के मामले इन देशों में रिकॉर्ड किए गए हैं। (स्रोत फीचर्स)
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