वर्ष 2022 विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियों भरा साल रहा। यहां साल 2022 के ऐसे ही समाचारों का संकलन किया गया है।
सूरज के वायुमंडल में पहुंचा अंतरिक्ष यान
अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि जब कोई यान सूरज के वायुमंडल में प्रवेश कर पाया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पार्कर सोलर प्रोब सूरज के ऊपरी वायुमंडल में पहुंचा। यह यान सूरज की सतह से 79 लाख किलोमीटर की दूरी पर रहा। इसने सूरज से उत्सर्जित कणों और चुबंकीय क्षेत्र सम्बंधी महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाए।
डायनासौर के पदचिंह
वैज्ञानिकों ने डायनासौर के पदचिंह पोलैंड में खोजे। इन निशानों से 20 करोड़ साल पहले के पारिस्थितिक तंत्र के बारे में नई जानकारी प्राप्त होगी। यह खोज पोलैंड की राजधानी वार्सा से 130 किलोमीटर दक्षिण में स्थित बोर्कोबाइस इलाके के खुले मैदान में की गई है।
शार्क का रसायन लैब में बनाया
शार्क में पाए जाने वाले स्कवेलिन नामक रसायन के लिए हर साल करीब 12 लाख शार्क का शिकार किया जाता है (एक शार्क के लीवर में मात्र 150 मिलीलीटर स्क्वेलिन मिलता है)। इसी स्क्वेलिन को प्रयोगशाला में बनाने में सफलता पाई आईआईटी जोधपुर के वैज्ञानिक राकेश शर्मा ने। उन्होंने जंगली वनस्पतियों और राजस्थानी मिट्टी की प्रोसेसिंग से स्क्वेलिन तैयार किया है।
कृत्रिम बुद्धि राइफल तैयार
आधुनिक हथियारों के निर्माण की दिशा में इस्राइल द्वारा कृत्रिम बुद्धि (एआई) आधारित स्व-चालित राइफल बना ली गई है। इसे अरकास नाम दिया गया है। इसे इस्राइल की रक्षा उत्पाद बनाने वाली कंपनी इल्विट ने बनाया है।
अंतरिक्ष में सैलून
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में हेयर कटिंग सैलून खोला है।
चीनी यान ने चांद पर खोजा पानी
चीनी यान चांग-ई-5 द्वारा अंतरिक्ष मिशन के अंतर्गत चंद्रमा पर पानी की खोज की गई। यह भी पता चला कि चंद्रमा पर यान के उतरने के स्थान पर मिट्टी में पानी की मात्रा 120 ग्राम प्रति टन से कम थी।
30 करोड़ वर्ष पुरानी चट्टान
जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका बुलेटिन में प्रकाशित एक शोध पत्र में बताया गया है कि भू-गर्भीय दृष्टि से महत्वपूर्ण लद्दाख में सिंधु नदी के उत्तर में श्योक व न्यूब्रा घाटी में 29.9 करोड़ वर्ष पुरानी चट्टान खोजी गई है। इस चट्टान में गोंडवाना के समय के बीजों के जीवाश्म मिले हैं। गौरतलब है कि गोंडवाना पृथ्वी के अतीत में कभी एक महाद्वीप हुआ करता था।
दुनिया का सबसे बड़ा रोबोट
चीन ने चार पैरों पर चलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा रोबोट याक बनाया है। यह 160 किलोग्राम तक वज़न उठा सकता है और 1 घंटे में 10 किलोमीटर तक चल सकता है।
प्लास्टिक से हल्का और स्टील से मज़बूत पदार्थ
मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी ने एक ऐसा पदार्थ विकसित किया है, जो प्लास्टिक से हल्का और स्टील से ज़्यादा मज़बूत है। यह बुलेटप्रुफ कांच की तुलना में 6 गुना शक्तिशाली है। इसका प्रयोग सुरक्षा तकनीकों में किया जाना है।
डार्क मैटर और न्यूट्रिनो के बीच समानता
आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने अंतरिक्ष के डार्क मैटर (अदृश्य पदार्थ) और ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले कण न्यूट्रिनो के बीच समानता का पता लगाया है। इस खोज को फिज़िकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित किया गया है।
मछली की नई प्रजाति
कोच्चि के सेंट्रल मरीन फिशरीज़ रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा आनुवंशिक विश्लेषण की मदद से मछली की एक नई प्रजाति की खोज की गई है। यह मछली क्वीन फिश समूह में है और इसे स्कोम्बेरॉइडस पेलेजिकस (scomberoides pelagicus) नाम दिया गया है। इसे स्थानीय भाषा में पोला वट्टा कहते हैं।
विश्व की सबसे पुरानी चट्टान
अमेरिका की राष्ट्रीय स्पेस एजेंसी ने विश्व की लगभग सबसे पुरानी चट्टान को खोजने का दावा किया है। एजेंसी के अनुसार इस चट्टान पर करीब 3.45 अरब साल पुराने जीवाश्म स्ट्रोमेटोलाइट्स और सायनोबैक्टीरिया की कालोनियां हुआ करती थीं।
टेरासौर का पुराना जीवाश्म
उड़ने वाले रीढ़धारी पुरातन सरिसृप जीव टेरासौर का 17 करोड़ साल पुराना जीवाश्म स्कॉटलैंड के एक द्वीप पर प्राप्त हुआ है। यह टेरासौर की नई प्रजाति है, जिसके बारे में पहले जानकारी नहीं हुआ करती थी।
सूर्य की सबसे करीबी तस्वीर
नासा और युरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साझा सोलर ऑर्बाइटर ने सूर्य की अब तक की सबसे करीबी तस्वीर प्राप्त करने में सफलता पाई है। यह तस्वीर सूर्य से 7.40 करोड़ किलोमीटर की दूरी से ली गई है। इस तस्वीर के अध्ययन से अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी करने में मदद मिलने की संभावना है।
रेबीज़ का नया टीका
भारत की दवा कंपनी कैडिला फार्मास्युटिकल ने रेबीज़ के लिए तीन खुराक वाला टीका विकसित किया है। यह नैनोपार्टिकल आधारित प्रोटीन टीका है।
अंतरिक्ष में पहला निजी दल
अंतरिक्ष में शोध करने के लिए पहला निजी दल अप्रैल माह में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में पहुंचा। ह्यूस्टन की स्टार्टअप कंपनी एग्जि़ओम स्पेस इंक द्वारा 4 यात्रियों के इस दल को 21 घंटे में सफलतापूर्वक भेजा गया।
पहली 3डी फिंगर टिप
ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक 3डी फिंगर टिप बनाने में सफलता पाई है जो इंसान की त्वचा जैसी संवेदनशील है। इससे त्वचा की जटिल आंतरिक संरचना और स्पर्श के एहसास को समझने में सहायता मिलेगी।
सबसे दूर के तारे की खोज
युरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन हबल ने पृथ्वी से अब तक के सबसे दूर स्थित तारे को खोज लिया है। इस तारे के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 12.9 अरब वर्ष का समय लगता है। इसे एरेन्डेल नाम दिया गया है।
ध्वनि की दो चालें
नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है कि पृथ्वी पर ध्वनि 340 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलती है लेकिन मंगल ग्रह पर ध्वनि की गति 240 मीटर प्रति सेकंड ही होती है। इसका कारण है मंगल का अल्प तापमान (औसतन ऋण 60 डिग्री सेल्सियस)
संचार की नई तकनीक
नासा ने अंतरिक्ष संचार के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नासा के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष संचार के लिए होलोपोर्टेशन नामक एक नई तकनीक ईजाद की है। इस तकनीक द्वारा नासा के एक वैज्ञानिक ने धरती पर रहते हुए ही अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लोगों से स्टेशन पर अपनी एक प्रतिकृति के माध्यम से बातचीत की।
पहला स्वदेशी पॉलीसेंट्रिक घुटना
आईआईटी, मद्रास के शोधकर्ताओं ने भारत का पहला स्वदेशी पॉलीसेंट्रिक घुटना ‘कदम’ नाम से लॉन्च किया है। यह घुटने के ऊपर विकलांग हुए लोगों के लिए बेहद उपयोगी है।
विमान उतारने की नई स्वदेशी तकनीक
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मिलकर विमान को लैंड कराने की नई उन्नत स्वदेशी तकनीक विकसित की है है। ऐसा करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया है।
रूबिक्स क्यूब हल करने वाला रोबोट
हैदराबाद के 11 साल के कक्षा 6 में अध्ययन करने वाले छात्र एस.पी.शंकर ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो रूबिक्स क्यूब को स्वयं हल कर देता है। यह सफलता बिना पेशेवर मार्गदर्शन के मिली है।
विटामिन डी का स्रोत बना टमाटर
नेचर प्लांट्स जर्नल में प्रकाशित शोध पत्र के मुताबिक इंग्लैंण्ड के जॉन एनेस सेंटर के वैज्ञानिकों ने जीन संपादन टेक्नॉलॉजी की मदद से टमाटर के जीनोम में बदलाव कर उसे विटामिन डी के बढ़िया स्रोत में बदल दिया है।
चंद्रमा पर खोजे 13 नए स्थान
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अगस्त में बताया कि उसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप 13 नए स्थानों की खोज कर ली है जहां अंतरिक्ष यानों को उतारा जा सकता है।
3-डी प्रिंटेड कॉर्निया बनाया
हैदराबाद स्थित एल. वी. प्रसाद आई इंस्टीट्यूट, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (हैदराबाद), व सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बॉयोलॉजी के शोधकर्ताओं ने 3-डी प्रिंटेड कॉर्निया बनाने में सफलता पाई है। पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित इस कॉर्निया में कोई भी सिंथेटिक घटक नहीं है।
लैब में सूर्य के समान ऊर्जा
दक्षिण कोरिया के भौतिक वैज्ञानिकों ने एक फ्यूज़न रिएक्टर में चुंबकीय क्षेत्र का प्रयोग कर सूर्य के समान ऊर्जा उत्सर्जित करने में सफलता पाई है। इस प्रयोग में 30 सेकंड तक करीब 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस का तापमान विकसित करने में सफलता मिली।
पहला हिमस्खलन रडार केंद्र
भारतीय सेना और रक्षा भू-सूचना विज्ञान और अनुसंधान प्रतिष्ठान ने संयुक्त रूप से सितंबर माह में सिक्किम राज्य में देश का पहला हिमस्खलन रडार केंद्र स्थापित किया है। यह रडार 3 सेकंड के भीतर हिमस्खलन का पता लगा सकता है।
अमेज़न का सबसे ऊंचा पेड़
वैज्ञानिकों ने अमेज़न के जंगलों में सबसे ऊंचा पेड़ खोजा है। इसकी लंबाई 88.5 मीटर है। वैज्ञानिकों ने इसकी उम्र करीब 600 वर्ष आंकी है।
प्राकृतिक आपदा और रोबोट चूहा
चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसा रोबोटिक चूहा बनाया है जो असली चूहे की तरह खड़ा हो सकता है, मुड़ सकता है, बैठ सकता है। यह रोबोटिक चूहा अपने वज़न का 91 फीसदी भार लेकर चल भी सकता है। इसे प्राकृतिक आपदा या युद्ध क्षेत्र में मदद के लिए बनाया गया है।
3-डी प्रिंटेड कान बना
दुनिया में पहली बार 3-डी प्रिंटेड कान बनाकर एक महिला को लगाया गया है। माइक्रोटिया रोग से ग्रसित लोगों के लिए यह बेहद फायदेमंद है।
सबसे पुराना पेड़ मिला
दक्षिण चिली के एक पार्क में दुनिया का सबसे पुराना पेड़ मिला है। पेरिस स्थित क्लाइमेट एंड एनवायरमेंटल साइंसेज़ लेबोरेट्री के पारिस्थितिकीविद जोनाथन बैरीचिविच के अनुसार पेड़ की उम्र 5484 साल है।
शून्य कार्बन उत्सर्जन कार
नीदरलैंड के आइंडहोवन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने शून्य कार्बन उत्सर्जन करने वाली कार का प्रोटोटाइप बनाने में सफलता प्राप्त की है। इसके अधिकांश हिस्सों को 3-डी प्रिंटिंग टेक्नॉलॉजी की मदद से तैयार किया गया है।
माउंट एवरेस्ट से बड़ी चट्टान
वैज्ञानिकों ने भूपर्पटी और पृथ्वी के कोर के बीच (पश्चिमी अफ्रीका और प्रशांत महासागर के मध्य) चट्टान की एक गर्म मोटी परत खोजी है, जो माउंट एवरेस्ट से 100 गुना बड़ी है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://solarsystem.nasa.gov/news/522/10-things-to-know-about-parker-solar-probe/