उम्मीद है कि इस वर्ष कोलोरेडो स्थित नेशनल ब्लैक-फुटेड फेरेट कंज़र्वेशन सेंटर द्वारा विकसित काले पैरों वाले गंधबिलाव का एकमात्र क्लोन प्रजनन करके अपनी प्रजाति को विलुप्त होने से बचा लेगा।
काले पैरों वाला गंधबिलाव (मुस्टेला निग्रिप्स) आधा मीटर लंबे और छरहरे शरीर वाला शिकारी जानवर है, जिसके शिकार प्रैरी (घास के मैदान) के कुत्ते हुआ करते थे। लेकिन 1970 के दशक तक पशुपालकों, किसानों और अन्य लोगों द्वारा प्रैरी कुत्तों की कॉलोनियों को बड़े पैमाने पर तहस-नहस करने के कारण गंधबिलाव की आबादी खतरे में पड़ गई। तब ज्ञात गंधबिलाव की अंतिम कॉलोनी के भी लुप्त हो जाने पर कुछ जीव विज्ञानियों ने मान लिया था कि यह प्रजाति विलुप्त हो गई है। लेकिन 1981 के अंत में तकरीबन 100 गंधबिलाव मिले। लेकिन कुछ ही वर्षों में वे भी संकट में पड़ गए और मात्र कुछ दर्जन गंधबिलाव ही बचे रह गए। फिर 1985 में, संरक्षित माहौल में प्रजनन कराने की पहल की गई। इसके लिए 18 गंधबिलावों को संरक्षित स्थलों पर रखा गया लेकिन प्रजनन के लिए केवल सात ही गंघबिलाव बच सके। इससे उनमें अंतःप्रजनन का खतरा पैदा गया।
कुछ समय पहले संरक्षण के लिहाज़ से ही गंधबिलाव का क्लोन तैयार किया गया था। 14 महीने का यह क्लोन गंधबिलाव एक मादा है जिसे एलिज़ाबेथ एन नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों की योजना इस वसंत में एलिज़ाबेथ एन के प्रजनन की है।
हालांकि एलिज़ाबेथ एन भी शत-प्रतिशत काले पैरों वाली गंघबिलाव नहीं है। दरअसल जिस तरीके (कायिक कोशिका नाभिक स्थानांतरण) से एलिज़ाबेथ एन को विकसित किया गया है उसमें एक पालतू गंघबिलाव का उपयोग सरोगेट मां के रूप में किया गया था। इस प्रक्रिया में क्लोन संतानों में मां (पालतू गंघबिलाव) का माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए आ जाता है। पालतू गंधबिलाव से आए इस जीन को हटाने के लिए वैज्ञानिकों की योजना (यदि क्लोन से सफल प्रजनन हो सका तो) एलिज़ाबेथ एन की नर संतान और काले पैरों वाली मादा गंघबिलाव के प्रजनन की है।
बहरहाल, यदि एलिज़ाबेथ एन क्लोन का प्रजनन सफल रहता है तो यह अन्य जोखिमग्रस्त जानवरों के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त कर देगा। लेकिन कई वैज्ञानिकों को लगता है कि यह प्रक्रिया बहुत मंहगी है, इसमें नैतिक समस्याएं हैं और इसका उपयोग सीमित है। इसके अलावा यह जानवरों के प्राकृतवासों के विनाश सम्बंधी मुद्दे से भी ध्यान हटा सकता है, जो वास्तव में जंतु विलुप्ति का एक प्रमुख कारण है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.science.org/do/10.1126/science.ada0073/full/_20220114_nf_elizabethann.jpg