वर्ष 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका में स्नेक नदी को यहां की सबसे अधिक संकटग्रस्त नदी घोषित किया गया। इसकी मुख्य वजह यह बताई गई है कि चार बांध बनने से इस नदी से जुड़े समस्त जीव संकटग्रस्त हो गए हैं।
इस नदी के इकोसिस्टम के केंद्र में साल्मन मछली है व इसके साथ 130 अन्य जीवों का जीवन जुड़ा है। आज से लगभग 100 वर्ष पहले इस नदी में साल्मन मछली की संख्या आज से लगभग 40-50 गुना अधिक थी। इसका जीवन-चक्र बहुत खूबसूरत व रोचक था। अंडों से मछली निकलने का स्थान पहाड़ों की सहायक नदियों के अधिक ठंडे व साफ क्षेत्र में तय रहा है। वहां से साल्मन की शिशु मछली तेज़ी से नीचे की ओर तैर कर मुख्य स्नेक नदी में आती है और फिर आगे बढ़ते हुए समुद्र में जाती रही है। मीठे पानी से खारे पानी में जाना इस मछली की वृद्धि से जुड़ा है। समुद्र में भरपूर जीवन बिताने के बाद लगभग 1500 किलोमीटर के इसी मार्ग से मछली पहले स्नेक नदी में व फिर उसी पर्वतीय ठंडे पानी वाली सहायक नदी में पहुंचती है जहां उसका जन्म हुआ था। यहां अंडे देने के बाद नया जीवन-चक्र शुरू होता है। कुछ समय बाद वह मछली मर जाती है।
लेकिन वर्ष 1955-75 के दो दशकों के दौरान स्नेक नदी के निचले हिस्से में चार बांध बना दिए गए जिनसे साल्मन मछली का यह मार्ग व इस पर आधारित जीवन-चक्र बुरी तरह प्रभावित हो गया। मार्ग अवरुद्ध कर रहे बांधों में फंसकर नदी से समुद्र की ओर जाने वाले लाखों साल्मन शिशु मरने लगे। वर्ष-दर-वर्ष यह जारी रहने से साल्मन की अनेक प्रजातियां बुरी तरह संकटग्रस्त हो गर्इं व इनके साथ इस इकोसिस्टम के अन्य जीव भी संकटग्रस्त हो गए।
कुछ समय पहले यहां के मूल निवासियों ने सबसे पहले साल्मन की रक्षा व इकोसिस्टम संरक्षण की मांग अधिक संजीदगी से उठानी आरंभ की व इसके लिए चारों बांधों को हटाने की मांग रखी। इन मूल निवासियों ने कहा कि उनका अपना जीवन भी नदी व इस मछली की रक्षा से जुड़ा है।
इस मांग को कुछ पर्यावरण संगठनों व स्थानीय नेताओं का समर्थन भी मिला तो इसने ज़ोर पकड़ा। इससे पहले इसी देश की एलव्हा नदी पर साल्मन व नदी की इकोसिस्टम की रक्षा के लिए दो बांध हटाए गए थे व इसी आधार पर स्नेक नदी से भी चारों बांध हटाने की मांग रखी गई।
दूसरी ओर कुछ लोगों ने कहा है कि उनके लिए बांधों से मिलने वाली बिजली अधिक ज़रूरी है। इसके जवाब में बांध हटाने की मांग रखने वालों ने ऊर्जा व कृषि विकास की वैकल्पिक राह सुझाई है।
आगे व्यापक सवाल यह है कि नदियों के इकोसिस्टम, उनमें रहने वाले जीवों की रक्षा के लिए पहले से बने बांधों को हटाने की मांग विश्व के अन्य देशों में कितना आगे बढ़ सकती है। कई वैज्ञानिकों व पर्यावरणविदों का मानना है कि यदि बांध से गंभीर क्षति होती है तो इसे हटाना उचित है। पर अभी अधिकांश सरकारें इस पर समुचित ध्यान नहीं दे रही है। उम्मीद है कि भविष्य में इस प्रश्न पर अधिक खुले माहौल में विचार हो सकेगा व जिस तरह के प्रयास आज स्नेक नदी के संदर्भ में हो रहे हैं उनसे ऐसा खुला माहौल बनाने में मदद मिलेगी। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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