कोविड-19 महामारी के संदर्भ में एक चिंता यह व्यक्त हुई है कि क्या वर्तमान टीके वायरस के नए-नए संस्करणों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करेंगे। खाड़ी के देश कतर से प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि फाइज़र का टीका वायरस के नए संस्करणों के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करता है। गौरतलब है कि महामारी की दूसरी लहर में खाड़ी देशों में यूके में पहचाना गया बी.1.1.7 संस्करण प्रमुख रूप से पाया गया था। फिर बी.1.351 संस्करण भी पाया गया जो पुन: संक्रमण और टीके के प्रभाव को कम करने के लिए जाना जाता है। महामारी रोग विशेषज्ञ इस संस्करण को सबसे खतरनाक मानते हैं।
इस लहर के दौरान शोधकर्ताओं ने ऐसे मज़बूत साक्ष्य प्रदान किए हैं कि वर्तमान टीके बी.1.351 को रोकने में सक्षम हैं। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में किए गए क्लीनिकल परीक्षणों में टीकों ने ऐसे संस्करणों के विरुद्ध अच्छे परिणाम दिए थे। नए प्रमाण दर्शाते हैं कि कतर में जिन लोगों को फाइज़र-बायोएनटेक टीके की दो खुराकें प्राप्त हुई हैं उनमें बिना टीकाकृत लोगों की तुलना में बी.1.351 के कारण कोविड से ग्रसित होने की संभावना 75 प्रतिशत कम है। इसके अलावा टीके ने गंभीर बीमारी के विरुद्ध लगभग पूर्ण सुरक्षा भी प्रदान की है।
दी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान आरएनए आधारित टीके प्रतिरक्षा को भेदने वाले सबसे घातक संस्करणों के विरुद्ध काफी प्रभावशाली साबित हुए हैं। फिर भी कंपनियां बी.1.351 स्ट्रेन के विरुद्ध अधिक विकसित आरएनए टीका बनाने की कोशिश कर रही हैं।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं ने 2020 के अंत में बी.1.351 की पहचान की थी जो अब वहां प्रमुख स्ट्रेन है। अध्ययनों से पता चला है कि इस स्ट्रेन में ऐसे उत्परिवर्तन हुए हैं जो वायरस-रोधी एंटीबॉडी को कमज़ोर कर सकते हैं। परीक्षणों के आधार पर कहा जा रहा है कि कुछ कोविड-19 टीके अन्य स्ट्रेन की तुलना में इस स्ट्रेन के विरुद्ध कम प्रभावशाली हैं। अप्रैल में दक्षिण अफ्रीका में कंपनियों द्वारा किए गए एक छोटे से परीक्षण में इन टीकों को बी.1.351 के विरुद्ध प्रभावी बताया गया था हालांकि 800 लोगों पर किए गए अध्ययन में प्लेसिबो समूह में भी बी.1.351 के कारण सिर्फ छह संक्रमण पाए गए थे। यानी काफी लोग बगैर टीके के भी सुरक्षित रहे थे।
अबू-रदाद की टीम ने कतर में दिसंबर के अंत में शुरू हुए टीकाकरण अभियान से लेकर मार्च के अंत तक जीनोम अनुक्रम के आधार पर इस अवधि के दौरान बी.1.1.7 और बी.1.351 प्रमुख संस्करण के रूप में पाए और फरवरी के मध्य से तो देश के आधे से अधिक मामलों में यही संस्करण देखे गए हैं।
शोधकर्ताओं ने टीकाकृत लोगों में सार्स-कोव-2 संक्रमण दर की तुलना गैर-टीकाकृत लोगों से की। इस्राइल, यूके और अन्य देशों के परिणामों के अनुसार जिन लोगों को टीके की दो खुराकें प्राप्त हुई हैं उनमें बी.1.1.7 के कारण संक्रमण की संभावना लगभग 90 प्रतिशत कम पाई गई। शोधकर्ताओं ने टीकाकृत लोगों में बी.1.351 संस्करण के 1500 ‘ब्रेकथ्रू’ मामलों की पहचान की है जिनमें से सिर्फ 179 मामले ही टीके की दूसरी खुराक लगने के दो हफ्तों के बाद हुए थे। पूर्ण रूप से टीकाकृत लोगों में बी.1.1.7 या बी.1.351 के कारण कोविड-19 का कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया यानी उनके अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के मामले न के बराबर पाए गए।
कतर से प्राप्त नतीजे काफी आशाजनक हैं। आरएनए टीकों की दो खुराकों से वायरस-रोधी एंटीबॉडी के तुलनात्मक रूप से उच्च स्तर से यह पता चलता है कि अन्य टीकों (जैसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका टीके) की तुलना में आरएनए आधारित टीके बी.1.351 के विरुद्ध बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अन्य टीके भी इस संस्करण के कारण होने वाली गंभीर बीमारी को रोकने में सक्षम होंगे। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार नोवावैक्स द्वारा निर्मित टीके ने दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के जोखिम को 60 प्रतिशत तक कम किया। इसी तरह पता चला है कि यह टीका बी.1.351 के कारण होने वाले कोविड-19 के गंभीर मामलों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी रहा है हालांकि ये आंकड़े अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि टीकों की प्रभाविता बी.1.351 के विरुद्ध कम है तो इस स्ट्रेन से प्रभावित देशों में अत्यधिक सफल टीकाकरण कार्यक्रम उस हद तक मामलों को नियंत्रित नहीं कर पाएंगे जिस हद तक कम क्षमता वाले संस्करणों को नियंत्रित कर पा रहे हैं। फिर भी उच्च जोखिम वाले लोगों की रक्षा करके हम सामान्य जीवनशैली की ओर कुछ हद तक तो लौट ही सकते हैं। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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