सार्स-कोव-2 से संक्रमित रोगियों ने कई ऐसी तकलीफों का अनुभव किया है जिनका सम्बंध तंत्रिका तंत्र से हो सकता है। जैसे सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, थकान, सोचने-समझने में परेशानी, गंध/स्वाद महसूस न होना वगैरह। कुछ गंभीर स्थितियों में तो मस्तिष्क में सूजन और स्ट्रोक के मामले भी सामने आए हैं। स्पष्ट है कि यह वायरस तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। लेकिन कैसे?
एक व्याख्या यह थी कि शायद ये प्रतिरक्षा तंत्र के अति सक्रिय होने के परिणाम हैं। लेकिन ऐसे भी मामले सामने आए जिनमें रोगियों में थकान और सोचने-समझने की दिक्कतें तो थीं किंतु प्रतिरक्षा प्रणाली अनियंत्रित नहीं हुई थी। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ऐसे लक्षण प्रतिरक्षा प्रणाली के अति-सक्रिय होने के कारण हैं या फिर वायरस सीधे तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है। यह भी संभव है कि ये लक्षण वायरस द्वारा उत्पन्न शरीर-व्यापी सूजन के परिणाम हों।
इस सवाल की खोज करने के लिए युनिवर्सिटी ऑफ डैलास के तंत्रिका विज्ञानी थिओडोर प्राइस ने ऐसे कुछ लक्षणों पर ध्यान दिया। इन लक्षणों में गले में खराश, सिरदर्द, शरीर-व्यापी दर्द और गंभीर खांसी शामिल है। खांसी तो तंत्रिकाओं की उत्तेजना से होती है। कुछ मरीज़ों ने रासायनिक संवेदना की क्षति भी बताई थी और इसकी संवेदना स्वाद तंत्रिकाओं के ज़रिए नहीं बल्कि दर्द-तंत्रिकाओं द्वारा प्रेषित की जाती है। जब मामूली रोगियों में भी ऐसे लक्षण दिखें तो लगता है कि संवेदी तंत्रिकाएं सीधे प्रभावित हो रही हैं।
कोशिका पर ACE2 ग्राही की उपस्थिति से पता चलता है कि कोई कोशिका सार्स-कोव-2 से संक्रमित होगी या नहीं। आरएनए अनुक्रमण से पता चला कि मेरु-रज्जू के बाहर पाए जाने वाली कुछ तंत्रिका कोशिकाओं पर ACE2 ग्राही उपस्थित होते हैं।
ऐसे न्यूरॉन्स के सिरे शरीर की सतहों जैसे त्वचा और फेफड़ों सहित आंतरिक अंगों पर केंद्रित होते हैं। यहां से इनके लिए वायरस को ग्रहण करना आसान होता है। प्राइस के अनुसार तंत्रिका संक्रमण कोविड के उग्र और स्थायी लक्षणों में से एक है।
लेकिन टीम का कहना है कि तंत्रिका सम्बंधी लक्षणों के लिए तंत्रिकाओं का वायरस संक्रमित होना ज़रूरी नहीं है। संक्रमित रोगियों में काफी मात्रा में साइटोकाइन्स नामक प्रतिरक्षा प्रोटीन्स मिले हैं जो न्यूरॉन को प्रभावित कर सकते हैं।
एक अन्य अध्ययन में पता चला कि सार्स-कोव-2 का कोशिकाओं में प्रवेश करने का कारण केवल ACE2 ग्राही नहीं बल्कि एक अन्य प्रोटीन NRP1 भी है। चूहों पर किए गए अध्ययन से मालूम चला है कि NRP1 वायरस के स्पाइक प्रोटीन के संपर्क में आने के बाद उसे कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है। शायद यह एक सह-कारक के रूप में कार्य करता है।
इसके अलावा एक अन्य परिकल्पना है कि स्पाइक प्रोटीन NRP1 को प्रभावित करके रोगियों में नोसिसेप्टर्स को शांत कर सकता है जो संक्रमण की शुरुआत में दर्द-सम्बंधी लक्षणों को दबा देता है। यह प्रोटीन सार्स-कोव-2 से प्रभावित व्यक्ति में संवेदनाहारी प्रभाव प्रदान करता है जिससे वायरस अधिक आसानी से फैल सकता है।
अध्ययन से इतना तो स्पष्ट है कि कोविड-19 तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि तंत्रिका कोशिकाएं संक्रमित होती हैं या नहीं। न्यूरॉन्स को संक्रमित किए बगैर भी यह वायरस कोशिकाओं के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।(स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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