अमेरिका के खाद्य व औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन सल्फेट और क्लोरोक्विन फॉस्फेट के आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी को निरस्त कर दिया है। गौरतलब है कि इन दोनों ही दवाओं को अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प और अन्य लोगों ने कोविड-19 के विरुद्ध निर्णायक (गेमचेंजर) माना था। हाल ही में कोविड-19 संक्रमित लोगों में किए गए रैंडम क्लीनिकल परीक्षण में दोनों दवाएं बीमारी के उपचार में नाकाम रही हैं। इस विषय में एफडीए के कुछ पूर्व अधिकारियों का मानना है कि इस दवा को आपातकालीन उपयोग के लिए मंज़ूरी वैज्ञानिक प्रमाण पर नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव पर आधारित थी।
एफडीए की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक लुसियाना बोरियो एफडीए के इस फैसले की सराहना करती हैं और इसे वैज्ञानिक एवं सार्वजनिक हित पर आधारित निर्णय मानती हैं। इस फैसले की महत्वपूर्ण बात यह रही कि एफडीए की यह कार्रवाई बिना किसी राजनैतिक दबाव के पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित रही।
हालिया वैज्ञानिक समीक्षा के हवाले से एफडीए ने कोविड-19 उपचार के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और क्लोरोक्विन के आपातकालीन उपयोग को अप्रभावी बताया है। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया है कि ह्रदय की गंभीर समस्याओं और अन्य दुष्प्रभावों के चलते इन दोनों दवाइयों का उपयोग काफी जोखिम भरा हो सकता है।
गौरतलब है कि आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी के तहत इस दवा का औपचारिक अनुमोदन नहीं किया गया था बल्कि इसे मुख्य रूप से केवल कोविड-19 रोगियों के लिए अस्पतालों में वितरण के लिए अनुमति दी गई थी। हालांकि, मंज़ूरी निरस्त करने के बाद भी इन दोनों दवाओं पर क्लीनिकलपरीक्षण जारी रखा जा सकता है। चिकित्सक चाहें तो अभी भी इस दवा का ‘ऑफ लेबल’ उपयोग कर सकते हैं। यानी इनका उपयोग एफडीए द्वारा निर्धारित लक्षणों के अलावा भी किया जा सकता है। फिर भी एफडीए द्वारा बताए गए दुष्प्रभावों के बाद शायद ही चिकित्सक इसका उपयोग करेंगे।(स्रोत फीचर्स)
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