दुनिया भर में प्लास्टिक रिसाइक्लिंग एक बड़ी समस्या है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक इस समस्या के समाधान में शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक ऐसा एंज़ाइम तैयार किया है जो प्लास्टिक को 90 प्रतिशत तक रिसाइकल कर सकता है।
पॉलीएथिलीन टेरेथेलेट (PET) दुनिया में सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक है। इसका सालाना उत्पादन लगभग 7 करोड़ टन है। वैसे तो अभी भी PET का पुनर्चक्रण किया जाता है लेकिन इसमें समस्या यह है कि पुनर्चक्रण के लिए कई रंग के प्लास्टिक जमा होते हैं। जब इनका पुनर्चक्रण किया जाता है तो अंत में भूरे या काले रंग का प्लास्टिक मिलता है। यह पेकेजिंग के लिए आकर्षक नहीं होता इसलिए इसे या तो चादर के रूप में या अन्य निम्न-श्रेणी के फाइबर प्लास्टिक में बदल दिया जाता है। और अंतत: इसे या तो जला दिया जाता है या लैंडफिल में फेंक दिया जाता है जिसे पुनर्चक्रण तो नहीं कहा जा सकता।
इसी समस्या के समाधान में वैज्ञानिक एक ऐसे एंज़ाइम की खोज में थे जो PET और अन्य प्लास्टिक का पुनर्चक्रण कर सके। 2012 में ओसाका विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को कम्पोस्ट के ढेर में LLC नामक एक एंज़ाइम मिला था जो PET के दो बिल्डिंग ब्लॉक, टेरेथेलेट और एथिलीन ग्लायकॉल, के बीच के बंध को तोड़ सकता है। प्रकृति में इस एंज़ाइम का काम है कि यह कई पत्तियों पर मौजूद मोमी आवरण का विघटन करता है। LLC सिर्फ पीईटी बंधों को तोड़ सकता है और वह भी धीमी गति से। लेकिन यदि तापमान 65 डिग्री सेल्सियस हो तो कुछ समय काम करने के बाद यह नष्ट हो जाता है। इसी तापमान पर तो PET नरम होना शुरू होता है और तभी एंज़ाइम आसानी से प्लास्टिक के बंध तक पहुंचकर उन्हें तोड़ सकेगा।
हालिया शोध में प्लास्टिक कंपनी कारबायोस के एलैन मार्टी और उनके साथियों ने इस एंज़ाइम में कुछ फेरबदल किए। उन्होंने उन अमिनो अम्लों का पता किया जिनकी मदद से यह एंज़ाइम टेरेथेलेट और एथिलीन ग्लाइकॉल समूहों के रासायनिक बंध से जुड़ता है। उन्होंने इस एंज़ाइम को उच्च तापमान पर काम करवाने के तरीके भी खोजे।
इसके बाद शोधकर्ताओं ने ऐसे सैकड़ों परिवर्तित एंज़ाइम्स की मदद से PET प्लास्टिक का पुनर्चक्रण करके देखा। कई प्रयास के बाद उन्हें एक ऐसा परिवर्तित एंज़ाइम मिला जो मूल LLC की तुलना में 10,000 गुना अधिक कुशलता से PET बंध तोड़ सकता है। यह एंज़ाइम 72 डिग्री सेल्सियस पर भी काम करता है। प्रायोगिक तौर पर इस एंज़ाइम ने 10 घंटों में 90 प्रतिशत 200 ग्राम PET का पुनर्चक्रण किया। इस प्रक्रिया से प्राप्त टेरेथेलेट और एथिलीन ग्लायकॉल से PET और प्लास्टिक बोतल तैयार किए गए जो नए प्लास्टिक जितने मज़बूत थे। हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि यह आर्थिक दृष्टि से कितना वहनीय होगा लेकिन इसकी खासियत यह है कि इससे जो प्लास्टिक मिलता है वह नए जैसा टिकाऊ और आकर्षक होता है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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