ऐसा कहते हैं कि तनाव के कारण लोगों के बालों का रंग उड़ जाता है, बाल सफेद हो जाते हैं। कहा जाता है कि मुमताज़ महल की मृत्यु के बाद शाहजहां के बाल एकाध हफ्ते में ही सफेद हो गए थे। इसी तरह फ्रांस की रानी मैरी एंतोनिएट के बाल उस रात सफेद हो गए थे जिसके अगले दिन उनका सिरकलम किया जाना था। तो क्या यह संभव है?
हारवर्ड स्टेम सेल रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता मामले की तह तक पहुंचना चाहते थे। बात को समझने के लिए या-चिए ह्सू और उनके साथियों ने अपने सारे प्रयोग चूहों पर किए हैं लेकिन उन्हें लगता है कि परिणाम मनुष्यों पर लागू होंगे।
सबसे पहले उन्होंने उन स्टेम कोशिकाओं पर ध्यान केंद्रित किया जो मेलेनोसाइट (मेलेनीन रंजक युक्त कोशिका) का निर्माण करती हैं। ये मेलेनोसाइट प्रत्येक बाल में मेलेनीन पहुंचाती हैं जिसका रंग काला होता है। मेलेनोसाइट बनानी वाली स्टेम कोशिकाओं पर ध्यान जाना स्वाभाविक था क्योंकि मेलेनोसाइट स्टेम कोशिकाओं की तादाद में फर्क पड़ने से बालों के रंग पर असर पड़ता है।
पहले तो शोधकर्ताओं ने इन चूहों को उनके डील-डौल के हिसाब से तनाव दिया। जैसे उनके पिंजड़ों को झुकाकर रखा गया या उनके सोने की जगह को गीला रखा गया या रात भर लाइटें चालू रखी गर्इं। शोधकर्ताओं ने देखा कि तनाव के कारण वास्तव में चूहों के बाल सफेद हो जाते हैं।
विचार बना कि शायद इन चूहों में तनाव बढ़ने पर उनकी प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाएं मेलेनोसाइट स्टेम कोशिकाओं पर आक्रमण कर रही हैं, जिसकी वजह से इन स्टेम कोशिकाओं की संख्या कम होने लगी है। लेकिन जिन चूहों में प्रतिरक्षा कोशिकाएं नहीं थीं, उनके भी बाल सफेद हुए। निष्कर्ष: तनाव के कारण बाल सफेद होने में प्रतिरक्षी कोशिकाओं का हाथ नहीं है।
अगला विचार आया कि संभवत: इसमें कॉर्टिसोल की भूमिका होगी। कॉर्टिसोल वह प्रमुख हारमोन है जो तनाव के समय बनता है। यह बालों पर भी असर डालता है। लेकिन प्रयोगों में देखा गया कि बाल सफेद उन चूहों में भी हुए जिनकी कॉर्टिसोल बनाने वाली ग्रंथि निकाल दी गई थी। तो अब क्या?
इसके बाद उनका ध्यान अनुकंपी तंत्रिका तंत्र पर गया। यही तंत्रिका तंत्र हारमोन के प्रभाव से तनाव जनित व्यवहारों और ‘लड़ो या भागो’ प्रतिक्रिया को अंजाम देता है। इन अनुकंपी तंत्रिकाओं के सिरे हर रोम के आसपास लिपटे होते हैं। जब टीम ने चूहों में इन कनेक्शन को काट दिया तो जल्दी ही चूहों के बाल सफेद हो गए।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उम्र के साथ बाल सफेद होने की प्रक्रिया में भी अनुकंपी तंत्रिकाओं की भूमिका है लेकिन शोधकर्ताओं का ख्याल है कि सफेद बालों की समस्या के संदर्भ में कुछ तो आशा जगी है।(स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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