टेट्रॉडोटॉक्सिन ज़हर पफरफिश का घातक हथियार है। यह ज़हर ऐसा खतरनाक तंत्रिका विष है कि एक अकेली पफरफिश में मौजूद इसकी मात्रा दर्जनों शिकारियों को पंगु कर सकती है और मार सकती है। और यदि कोई मनुष्य पफरफिश का मांस खा ले तो पंगु हो सकता है। लेकिन टॉक्सिकॉन पत्रिका में प्रकाशित ताज़ा अध्ययन बताता है कि यह ज़हर स्वयं पफरफिश में सर्वथा अलग उद्देश्य की पूर्ति करता है: यह पफरफिश को तनाव-मुक्त रखता है।
टेट्रॉडोटॉक्सिन (TTX) दरअसल एक तंत्रिका विष है। टाइगर पफरफिश (Takifugu rubripes) स्वयं TTX नहीं बनातीं बल्कि अपने आहार में शामिल बैक्टीरिया द्वारा बनाए गए TTX को अपने अंगों और त्वचा में जमा करके रखती है। प्रयोगशाला में देखा गया है कि जिन पफरफिश के आहार में बदलाव किया गया उन्होंने अपनी विषाक्तता खो दी थी।
विकसित होती पफरफिश को TTX किस तरह प्रभावित करता है यह जानने के लिए शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में एक महीने तक कुछ युवा पफरफिश के आहार में शुद्ध TTX मिलाया। अध्ययन में पाया गया कि TTX रहित आहार वाली पफरफिश की तुलना में TTX युक्त आहार वाली पफरफिश 6 प्रतिशत अधिक लंबी और 24 प्रतिशत अधिक भारी थीं। इसके अलावा वे कम आक्रामक थीं और एक-दूसरे के पिछले पिच्छ को कम कुतर रहीं थीं।
वृद्धि की दर और आक्रामकता, दोनों पर तनाव का असर होता है। इसलिए शोधकर्ताओं ने पफरफिश में तनाव सम्बंधी दो हार्मोन का भी अध्ययन किया: रक्त में कॉर्टिसोल और मस्तिष्क में कॉर्टिकोट्रॉपिन-रीलीज़िंग हार्मोन। पाया गया कि जिन पफरफिश को TTX नहीं दिया गया था उनमें इन हार्मोन्स का स्तर अधिक था। यानी वे अधिक तनावग्रस्त थीं।
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि इन मछलियों में TTX ना सिर्फ शिकारियों से बचने या उन्हें दूर रखने का काम करता है बल्कि युवा पफरफिश के स्वस्थ विकास के लिए भी ज़रूरी होता है। कुछ अन्य अध्ययन बताते हैं कि TTX से रहित युवा पफरफिश घातक और जोखिमपूर्ण निर्णय लेती हैं। फिलहाल यह अस्पष्ट है कि TTX पफरफिश में तनाव कैसे कम करता है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.sciencemag.org/sites/default/files/styles/inline__450w__no_aspect/public/pufferfish_1280p_0.jpg?itok=oxf2eSuu