लगभग साढ़े चार हज़ार साल पुरानी जर्मन कब्रगाहों के अवशेष और उनमें मिले सामानों पर किए गए हालिया अध्ययन के नतीजों ने अध्ययनकर्ताओं को हैरत में डाल दिया है। साइंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के नतीजों के मुताबिक इन पुरानी जर्मन कब्रगाहों में वयस्क बेटियों के शव नदारद हैं।
ये अवशेष तकरीबन 20 साल पहले दक्षिण ऑग्सबर्ग में लेक नदी के किनारे आवास निर्माण के लिए चल रही खुदाई में मिले थे। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एलिसा मिटनिक और उनके साथी खुदाई में मिले करीब 104 शवों के डीएनए, शवों के साथ मिली वस्तुओं के विश्लेषण, रेडियोकार्बन डेटिंग और दांतो में मौजूद स्ट्रॉन्टियम आइसोटोप की मात्रा के आधार पर उनके सामाजिक ढांचे का अध्ययन कर रहे थे। अध्ययन में उन्होंने पाया कि इन कब्रगाहों में वयस्क बेटियों का एक भी शव नहीं था। इसके विपरीत बेटों को पिता की ज़मीन पर दफनाया गया था और उनके साथ उनकी संपत्ति भी रखी गई थी।
रोडियोकार्बन डेटिंग में उन्होंने पाया कि ये लोग वहां 4750 से 3300 वर्ष पूर्व रहते थे। 200 वर्ष की इस अवधि में चार से पांच पीढ़ियों का जीवन रहा। शवों के साथ मिली वस्तुओं और बर्तनों के आकार के आधार पर अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि शुरुआती पीढ़ी नव-पाषाण संस्कृति की थी। इसके बाद की पीढ़ियों के लोग कांस्ययुग के थे, जिनके साथ उनकी कब्र में कांसे और तांबे के खंजर, कुल्हाड़ी और छैनी मिली थी और इनमें पूर्व के लोगों के डीएनए बरकरार थे। इनकी कब्र में दफन चीज़ों को देखकर पता चलता है कि ये उच्च श्रेणी के लोग थे और धनवान थे। इनके वंशज आज भी युरोप में मौजूद हैं। इसके विपरीत कुछ लोगों की कब्र में शव के साथ कोई सामान नहीं मिला है जिससे लगता है कि ये निम्न श्रेणी के लोग थे। और इनके वाय गुणसूत्र उच्च श्रेणी के लोगों से भिन्न थे जिससे पता चलता है कि वे अलग वंश के थे।
इसके अलावा एक तिहाई से भी अधिक महिलाएं बहुत अधिक संपत्ति के साथ दफन की गई थीं। उनके डीएनए के विश्लेषण और स्ट्रॉन्टियम आइसोटोप के विश्लेषण से पता चलता है कि ये महिलाएं मूलत: इस जगह की नहीं थी, किशोरावस्था तक वे लेक नदी से दूर किसी अन्य स्थान पर रहती थीं। इन कब्रगाहों में इन महिलाओं की बेटियों के कोई प्रमाण या निशान नहीं मिले हैं जिससे लगता है कि शादी के बाद वे अपना घर छोड़ देती होंगी। इस जगह जिन भी स्थानीय स्त्रियों के शव मिले हैं वे या तो 15-17 वर्ष से कम उम्र की थीं या गरीब स्त्रियां थीं। तीन पुरुषों के दांतों में मिले स्ट्रॉन्टियम की मात्रा से पता चलता है कि वे किशोरावस्था में उस जगह से कहीं और चले गए थे और वयस्क होने पर लौट आए। जिससे पुरुषों की जीवन शैली का अंदाज़ा लग सकता है।
इस समय सामाजिक स्तर पर तो असमानता दिखती है लेकिन राजसी पुरुषों की कब्र में लगभग एक जैसी चीज़े थीं, जिससे अंदाजा लगता है कि संपत्ति सिर्फ बड़े बेटे को नहीं बल्कि सभी बेटों को बराबर मिलती थी।
ये नतीजे एक ही जगह और एक ही समय के हैं। ज़्यादा सामान्य नतीजे पर पहुंचने के लिए इसी तरह के विश्लेषण अलग-अलग समयों और जगहों पर करना होगा। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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