जैव विकास के सिद्धांत के अनुसार जानवर सिर्फ अपने जेनेटिक सम्बंधियों की ही मदद करते हैं। लेकिन रेगिस्तान में रहने वाले स्तनधारी जानवरों पर हुआ एक हालिया अध्ययन कहता है कि मीरकेट स्तनधारी अपने समूह के सभी सदस्यों की शिद्दत से मदद करते हैं।
मीरकेट नेवले के कुल के स्तनधारी प्राणी हैं जो दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी रेगिस्तान में समूहों में रहते हैं। एक-एक समूह में तकरीबन 20 सदस्य होते हैं लेकिन कुछ समूह में सदस्यों की संख्या 50 तक होती है।
जैव विकास सिद्धांत के अनुसार सिर्फ परिजनों की मदद करना ही हितकर है क्योंकि मदद देने और मदद लेने वाले के बीच एक आनुवंशिक सम्बंध होता है। इस तरह की गई सहायता अधिक संतान होना सुनिश्चित करती है, जो मदद करने वाले के लिए अगली पीढ़ी में अपने जीन्स पहुंचाने की संभावना बढ़ाती है। लेकिन समूह में रहने वाले जानवरों में यह पता करना मुश्किल होता है कि किन सदस्यों के बीच करीबी या आनुवंशिक सम्बंध है।
जीवों के मददगार स्वभाव के बारे में जानने के लिए युनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के क्रिस डनकैन और उनके साथियों ने लगभग 1347 मीरकेट के पिछले 25 सालों के डैटा का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि वे अपने समूह के अन्य सदस्यों की सहायता करते वक्त यह नहीं सोचते कि जिसकी वे मदद कर रहे हैं वह जेनेटिक रूप से उनका कितना करीबी है। मीरकेट अपने समूह के सभी सदस्यों के बच्चों की देखभाल करते हैं, उन्हें भोजन खिलाते हैं, समूह की सुरक्षा के लिए बारी-बारी पहरेदारी करते हैं, सामूहिक मांद खोदते हैं।
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि कारण यह हो सकता है कि मीरकेट समूह के सभी सदस्य एक-दूसरे के करीबी होते हैं। इसलिए वे बिना किसी भेदभाव के एक-दूसरे की मदद करते हैं। (स्रोत फीचर्स)
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