शोधकर्ताओं ने कुछ समय पहले ही पेरू के समुद्र तट पर चार पैरों वाली प्राचीन व्हेल की हड्डियां खोज निकाली हैं। करंट बायोलॉजी में प्रकाशित पेपर के अनुसार यह जीव राइनो और समुद्री ऊदबिलाव के मिश्रित रूप जैसा दिखता होगा। इसका सिर छोटा, लंबी मज़बूत पूंछ और चार छोटे मगर मोटे खुरदार पैर एवं झिल्लीदार पंजे रहे होंगे। एक नए अध्ययन का अनुमान है कि ये जीव आज के युग की व्हेल के पूर्वज रहे होंगे जो लगभग 4 करोड़ वर्ष पहले पाए जाते थे।
रॉयल बेल्जियन इंस्टिट्यूट ऑफ नेचुरल साइंस, ब्रसेल्स के जंतु विज्ञानी और इस अध्ययन के प्रमुख ओलिवियर लैम्बर्ट के अनुसार यह प्रशांत महासागर में मिलने वाली चार पैरों वाली व्हेल का सबसे पहला प्रमाण है।
जीवाश्म विज्ञानी पिछले एक दशक से भी अधिक समय से प्राचीन समुद्री स्तनधारियों के जीवाश्म की खोज करने के लिए पेरू के बंजर तटीय क्षेत्रों के आसपास खुदाई कर रहे थे। लैम्बर्ट और उनकी टीम को अधिक सफलता मिलने की उम्मीद नहीं थी लेकिन एक बड़े दांतों वाला जबड़ा मिलने के बाद उन्होंने खुदाई को आगे भी जारी रखा।
ये हड्डियां कई लाख वर्ष पुरानी थीं और कई टुकड़ों में टूटी हुई थीं, लेकिन काफी अच्छे से संरक्षित थीं और आस-पास की तलछट में इन्हें ढूंढना भी काफी आसान था। जब पूरा कंकाल इकट्ठा कर लिया गया तो कमर और भुजा वाले भाग को देखकर यह ज़मीन पर चलने वाले जीव सरीखा मालूम हुआ लेकिन इसके लंबे उपांग और पूंछ की बड़ी-बड़ी हड्डियों से इसके कुशल तैराक होने का अनुमान लगाया गया। लैम्बर्ट का ऐसा मानना है कि उस समय ये जीव ज़मीन पर चलने में भी सक्षम थे और साथ ही तैरने के लिए अपनी पूंछ का भी उपयोग करते होंगे।
टीम ने इन तैरने और चलने वाली व्हेल प्रजाति को पेरेफोसिटस पैसिफिकस नाम दिया है जिसका अर्थ प्रशांत तक पहुंचने वाली यात्री व्हेल है।
अब तक, वैज्ञानिकों का ऐसा मानना था कि प्राचीन व्हेल अफ्रीका से निकलकर पहले उत्तरी अमेरिका की ओर गर्इं और उसके बाद दक्षिणी अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैली। लेकिन जीवाश्म की उम्र और स्थान को देखते हुए लैम्बर्ट और उनके साथियों का अनुमान है कि यह उभयचर व्हेल दक्षिण अटलांटिक महासागर को पार करते हुए पहले दक्षिण अमेरिका पहुंचीं और फिर उत्तरी अमेरिका और अन्य स्थानों पर।
अलबत्ता, शोधकर्ताओं के मुताबिक महत्वपूर्ण यह नहीं है कि वे किस दिशा में गर्इं, बल्कि यह काफी दिलचस्प है कि ये प्राचीन चार पैर वाले जीव अपनी शारीरिक रचना से इतना सक्षम थे कि दुनिया भर में फैल गए। आगे चलकर इस जीवाश्म से और अधिक जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.livescience.com/65156-ancient-four-legged-whale.html