यह तो काफी समय से माना जाता रहा है कि आपकी तोंद में जमा चर्बी आपके हृदय के लिए बुरी होती है मगर अब पता चल रहा है कि यह दिमाग के लिए भी बुरी होती है। युनाइटेड किंगडम में किए गए एक अध्ययन का निष्कर्ष है कि जो लोग मोटे होते हैं और जिनकी कमर और कूल्हों का अनुपात अधिक होता है उनके मस्तिष्क का आयतन कम होता है। कमर और कूल्हे का अनुपात तोंद की चर्बी का द्योतक माना जाता है। अध्ययन में खास तौर से यह पता चला है कि तोंद की चर्बी का सम्बंध मस्तिष्क के ग्रे मैटर के कमतर आयतन से है।
न्यूरोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता, लफबरो विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स, एक्सरसाइज़ एंड हेल्थ के मार्क हैमर का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों के अध्ययन के बाद पता चला है कि मोटापे का सम्बंध मस्तिष्क के सिकुड़ने से है। गौरतलब है कि मस्तिष्क के कम आयतन यानी मस्तिष्क के सिकुड़ने का सम्बंध याददाश्त में गिरावट और विस्मृति से देखा गया है। इस अध्ययन में यू.के. के 9600 लोगों के बॉडी मास इंडेक्स तथा कमर और कूल्हों का अनुपात नापा गया था और एमआरआई के द्वारा उनके मस्तिष्क का आयतन नापा गया था। अध्ययन में शामिल किए गए लोगों की औसत उम्र 55 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि इस अध्ययन में भाग लेने को जो लोग तैयार हुए वे आम तौर पर स्वस्थ लोग थे। इसलिए इसके परिणामों को फिलहाल पूरी आबाद पर लागू करने में सावधानी की ज़रूरत है।
वैसे यह बात ध्यान देने की है कि उपरोक्त अध्ययन में मोटापे और मस्तिष्क के आयतन के बीच जो सह-सम्बंध देखा गया है वह कार्य-कारण सम्बंध नहीं है बल्कि मात्र इतना है कि ये दोनों चीज़ें साथ-साथ होती नज़र आती हैं। अर्थात यह नहीं कहा जा सकता कि मोटापे से मस्तिष्क सिकुड़ता है। यह भी संभव है कि मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के सिकुड़ने से मोटापा बढ़ता हो।
वैसे तोंद में जमा चर्बी अन्य मामलों में भी हानिकारक है। पहले कुछ अध्ययनों से पता चल चुका है कि तोंद की चर्बी की बढ़ी हुई मात्रा का सम्बंध हृदय रोगों से है। इसके अलावा इसका सम्बंध टाइप 2 डायबिटीज़ तथा उच्च रक्तचाप से भी देखा गया है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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