वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड ने अपनी एक रिपोर्ट में जैव विधिधता में हो रही कमी को रेखांकित किया है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड प्रकृति के संरक्षण के मामले में दुनिया का विशालतम तथा स्वतंत्र संगठन है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण को नष्ट होने से बचाना तथा एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना है, जिसमें इंसानों तथा प्रकृति के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्ता बना रहे।
यह संगठन हर दो वर्ष में लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट प्रकाशित करता है। इस वर्ष के प्रकाशन में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। डब्लू.डब्लू.एफ. के शोधकर्ताओं ने जैव विविधता की वर्तमान स्थिति का आकलन करने के लिए ज़ुऑलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन के लिविंग प्लैनेट इंडेक्स का अध्ययन किया। लिविंग प्लैनेट इंडेक्स दुनिया भर में रीढ़धारी प्रजातियों की संख्या के आधार पर वैश्विक जैव विविधता की स्थिति का आकलन करती है। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 1970 से 2014 के बीच विभिन्न रीढ़धारी प्रजातियों की आबादी में औसतन 60 प्रतिशत की कमी आई है। सर्वाधिक कमी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों जैसे दक्षिणी तथा मध्य अमेरिका में आई है। यहां 1970 की तुलना में 89 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। मीठे पानी में पाए जाने वाले जीवों की संख्या में भी भारी कमी देखी गई है। इंडेक्स के मुताबिक 1970 की तुलना में इन जीवों में 83 प्रतिशत की कमी आई है।
ये वैश्विक आंकड़े उपयोगी हैं। लेकिन यह समझना आवश्यक है कि क्या विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में आई कमी का स्तर अलग-अलग है तथा क्या उन्हीं प्रजातियों पर अलग प्रकार से भी असर पड़ रहा है? इन जानकारियों के लिए लिविंग प्लैनेट इंडेक्स एक महत्त्वपूर्ण साधन है, जो जीवों की विभिन्न प्रजातियों पर खतरों के बारे में बता सकता है।
यह रिपोर्ट वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण के लिए कुछ कदमों की भी सिफारिश करती है। पहला कदम विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विश्व स्तर पर जैव विविधता संरक्षण हेतु योजना विकसित करना तथा उसे विभिन्न देशों द्वारा लागू करना है। पहला लक्ष्य है वन क्षेत्र में विस्तार करना, जो कई जानवरों, कीड़ों तथा पक्षियों को आश्रय देते हैं। जैव विविधता के संरक्षण के लिए अगला लक्ष्य एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना तथा मीठे पानी में पाए जाने वाले जीवों की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक को पानी में फेंकने पर रोक लगाना शामिल है।
पूरी धरती के मनुष्यों तथा जानवरों को संरक्षण देने वाली प्राकृतिक व्यवस्था में गिरावट रोकने के लिए दुनिया भर में वास्तविक परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। सबसे बड़ी चुनौती लगातार बढ़ती आबादी पर नियंत्रण पाने के तरीके तलाशना है। पृथ्वी को खूबसूरत बनाने तथा इसके रहवासियों को एक सकारात्मक भविष्य देने के लिए प्रकृति का ह्यास रोकना आवश्यक है, जिसके लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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