चीन में एक महिला एक अजीबो गरीब तकलीफ से पीड़ित है। उसे पुरुषों की आवाज़ सुनाई ही नहीं देती। चेन नामक यह महिला एक दिन सुबह उठी और पाया कि उसे अपने पुरुष साथी की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही है। वह अस्पताल पहुंची जहां उसका उपचार एक महिला डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है। डॉक्टर ने पाया कि यह महिला उनकी आवाज़ तो सुन पा रही थी किंतु पास में लेटे एक पुरुष मरीज़ की आवाज़ बिलकुल भी नहीं सुन पा रही थी।
चेन एक दुर्लभ श्रवण बाधा से ग्रस्त थी। इसे रिवर्स स्लोप हियरिंग लॉस कहा जाता है। आम तौर पर जब किसी व्यक्ति को सुनने में कठिनाई होती है तो वह उच्च आवृत्ति की आवाज़ों के मामले में होती है। आवृत्ति ध्वनि के विश्लेषण का एक तरीका है। ध्वनि वास्तव में हवा अथवा अन्य माध्यमों में होने वाली कंपनों के रूप में फैलती है और हमारे कानों तक पहुंचती है। प्रति सेकंड कंपनों की संख्या ही उसकी आवृत्ति कहलाती है। प्रति सेकंड जितने ज़्यादा कंपन होते हैं आवाज़ उतनी ही पतली होती है जबकि कम कंपन होने पर आवाज़ भारी या मोटी होती है।
जब कोई व्यक्ति सुनने में कठिनाई की शिकायत करता है तो उसके श्रवण का आवृत्ति के अनुसार ग्राफ बनाया जाता है। आम तौर पर देखा गया है कि उच्च आवृत्ति वाली ध्वनियां (यानी पतली आवाज़े) सुनने में दिक्कत होती है। मनुष्य के कान में अंदर की ओर सूक्ष्म रोम होते हैं। जब कोई ध्वनि कानों तक पहुंचती है तो इन रोमों में कंपन होते हैं जिसके संदेश मस्तिष्क तक पहुंचते हैं और वहां इन्हें ध्वनि के रूप में पहचाना जाता है। उम्र के साथ या चोट लगने पर या किसी दवा के असर से ये रोम भुरभुरे हो जाते हैं और टूट भी सकते हैं। इसी क्षति की वजह से सुनने में दिक्कत होती है।
उच्च आवृत्ति वाली ध्वनियों के प्रति संवेदनशील रोम ज़्यादा नाज़ुक होते हैं। इस वजह से ये रोम पहले क्षतिग्रस्त होते हैं और काम करना बंद करते हैं। इसीलिए उच्च आवृत्ति की ध्वनियां सुनने में दिक्कत आम बात है। मगर कभी-कभी कम आवृत्ति की ध्वनियों को पकड़ने में दिक्कत होती है जो उक्त महिला के साथ हुआ। शोधकर्ताओं का मानना है कि रिवर्स स्लोप हियरिंग लॉस रक्त वाहिनियों में किसी समस्या की वजह से हो सकता है या सदमे की वजह से भी हो सकता है। एक और कारण शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा स्वयं अपनी ही कोशिकाओं पर हमला करना भी हो सकता है। आत्म-प्रतिरक्षा के नाम से जानी जाने वाली यह समस्या आंतरिक कान को प्रभावित करती है और इससे संतुलन बनाने में दिक्कत तथा उल्टी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। दरअसल चेन ने रिपोर्ट किया था कि उन्हें एक रात पहले चक्कर आए थे और उल्टियां भी हुई थीं। वैसे डॉक्टरों का कहना है कि यदि इस स्थिति का पता जल्दी चल जाए तो इलाज संभव है। चेन के मामले में लगता है कि देर तक काम करते रहने के तनाव के कारण यह स्थिति बनी है और संभवत: जल्दी ही वे ठीक भी हो जाएंगी। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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