बिल्ली को मिली कृत्रिम पैरों की सौगात

हाल ही में रूस के नोवोसिबर्स्क चिकित्सालय के पशु चिकित्सकों ने अपने चारों पैर गंवा चुकी एक बिल्ली में 3-डी प्रिंटिंग की मदद से बनाए गए कृत्रिम पैर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिए हैं। इनकी मदद से वह चल-फिर सकती है, दौड़ सकती है और यहां तक कि सीढ़ियां भी चढ़ सकती है।

भूरे बालों वाली डाइमका नामक यह बिल्ली दिसंबर 2018 में साइबेरिया के नोवाकुज़नेत्स्क नाम की जगह पर एक मुसाफिर को बर्फ में दबी हुई मिली थी। उसने उसे वहां से निकालकर नोवोसिबर्स्क चिकित्सालय पहुंचा दिया था। डाइमका तुषाराघात की शिकार हुई थी और अपने चारों पैर, कान और पूंछ गंवा चुकी थी।

तुषाराघात यानी फ्रॉस्ट बाइट तब होता है जब अत्यंत कम तापमान त्वचा व अंदर के ऊतकों को जमा देता है। खासकर नाक, उंगलियां और पंजे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। पैरों की हालात देखकर पशु चिकित्सक सर्जेई गोर्शकोव ने उसे कृत्रिम पैर लगाना तय किया। उन्होंने टोम्स पॉलिटेक्निक युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर डाइमका के लिए कृत्रिम पैर तैयार किए।

इसके लिए उन्होंने कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) एक्स-रे स्कैन की मदद से डाइमका के पैरों की माप लेकर टाइटेनियम रॉड की त्रि-आयामी प्रिंटिंग करके कृत्रिम पैर बनाए। प्रत्यारोपण के बाद डाइमका में संक्रमण और रिजेक्शन की संभावना कम करने के लिए टाइटेनियम से बने पैरों पर कैल्शियम फॉस्फेट की परत चढ़ाई गई। जुलाई 2019 में डाइमका को सामने के दो और उसके बाद पीछे के दो कृत्रिम पैर प्रत्यारोपित किए गए। प्रत्यारोपण के सात महीने बाद जारी किए गए वीडियो में डाइमका अंगड़ाई लेती, चलती और कंबल के कोने से खेलती दिखाई दी।

गोर्शकोव ने दी मास्को टाइम्स को बताया कि साइबेरिया के हाड़-मांस गला देने वाले ठंड के मौसम के दौरान उनके चिकित्सालय में हर साल ऐसी पांच से सात बिल्लियों का उपचार किया जाता है जो तुषाराघात के कारण अपने पैर, नाक, कान और पूंछ गंवा देती हैं।  

डाइमका अब दुनिया की दूसरी बिल्ली है जिसे धातु से बने चारों पैर सफलतापूर्वक लगाए जा चुके हैं। इसके पहले साल 2016 में भी इसी प्रक्रिया से एक नर बिल्ली को चारों पैर लगाए गए थे। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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