डायनासौर की एक नई नन्ही प्रजाति

वैज्ञानिकों हाल ही में मिले डायनासौर के जीवाश्म इस बात की ओर इशारा करते हैं कि कंगारू के आकार के फुर्तीले डायनासौर ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के बीच की प्राचीन भ्रंश घाटी में रहते थे।

ऑस्ट्रेलिया में साढ़े बारह करोड़ वर्ष पुरानी चट्टानों की खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को कंगारू जितने बड़े डायनासौर के जीवाश्म मिले हैं। ये जीवाश्म डायनासौर के जबड़ों के हैं। इन जबड़ों की बनावट उल्टे गैलियन जहाज़ों के ढांचे जैसी है। जबड़ों की गैलियन नुमा बनावट और जीवाश्म विज्ञानी डोरिस सीगेट्स-डीविलियर्स के नाम पर इस डायनासौर को गैलिनोसौरस डोरिसी नाम दिया है।

गैलिनोसौरस डोरिसी की हड्डियों का विश्लेषण करने पर पता चला कि ये डायनासौर ऑर्निथोपॉड थे यानि इनके पैर पक्षियों के पैरों की तरह थे। ये अपने पिछले मज़बूत पैरों के सहारे चलते और दौड़ते थे और शाकाहारी थे। 

न्यू इंगलैंड युनिवर्सिटी के मैथ्यू हर्न और उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया के गोंडवाना महाद्वीप के सरकने के दौरान ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका के बीच डायनासौर के स्थानांतरण का मानचित्रण कर रहे हैं। पिछले साल भी हर्न की टीम ने इसी जगह एक ऑर्नीथोपॉड डायनासौर की पहचान की थी। इसे डिलुविकरसौर पिकरिंगी नाम दिया गया था जो गैलिनोसौरस डायनासौर का करीबी रिश्तेदार है। लेकिन गैलिनोसौरस डायनासौर डिलुविकरसौर से लगभग सवा करोड़ साल पहले के थे। टीम का मत है कि गैलिनोसौरस उत्तरी अमेरिका और चीन की बजाय पैटागोनिया में रहने वाली डायनासौर प्रजातियों से ज़्यादा मिलते-जुलते हैं।

गैलिनोसौरस के जीवाश्म जिन चट्टानों में मिले हैं वे ज्वालामुखी से निकली चट्टानें हैं। क्रिटेशियस युग के दौरान, जब ये डायनासौर रहा करते थे, तब पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय ज्वालामुखी का लावा नदियों के साथ बहकर इस घाटी में आया होगा। नदियों द्वारा बहाकर लाई गई गाद घाटी में जमा होने से मैदान बने। इन मैदानों में डायनासौर और अन्य जानवर रहने लगे।

इस अध्ययन से लगता है कि क्रिटेशियस युग के दौरान अंटार्कटिका से होकर ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच सेतु मौजूद रहा होगा जिसके कारण इन महाद्वीपों के डायनासौर के बीच करीबी आनुवंशिक सम्बंध दिखते हैं।

गैलिनोसौरस इस क्षेत्र में पांचवा ऑर्निथोपॉड प्रजाति का डायनासौर मिला है जिससे यह पता चलता है कि छोटे कद-काठी वाले डायनासौर काफी विविध स्थानों पर फैले हुए थे जो ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के बीच की घाटी में पनपे थे जहां से ये महाद्वीप अलग-अलग हुए थे। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit :  https://www.thesun.co.uk/wp-content/uploads/2019/03/NINTCHDBPICT000475130035.jpg?strip=all&w=960

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