कैंसर के उपचार के दावे पर शंकाएं

स्राइल की एक कंपनी एक्सलरेटेड इवॉल्यूशन बायोटेक्नॉलॉजीस लिमिटेड (एईबीआई) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में दावा किया है कि वे एक साल के अंदर हर किस्म के कैंसर का एक इलाज पेश करेंगे। खास बात यह है कि उन्होंने चूहों पर किए गए जिन प्रयोगों के आधार पर यह दावा किया है, उनके परिणाम कहीं प्रकाशित नहीं किए गए हैं। उनका यह दावा अखबार के एक लेख में घोषित किया गया है। वैज्ञानिक समुदाय के बीच इस दावे के लेकर शंका का माहौल बन गया है।

एईबीआई के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने एक नए तरीके का इस्तेमाल किया है जो रामबाण साबित होगा। इस नए तरीके को बहुलक्षित विष (मल्टी-टारगेटेड टॉक्सिन यानी मूटोटो) नाम दिया गया है। यह एक ऐसा पेप्टाइड अणु है जो कैंसर कोशिका की सतह पर मौजूद कई सारे अणुओं से एक साथ जुड़ जाता है। इस वजह से कैंसर कोशिका में परिवर्तन की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती और फिर एक विषैला अणु उस कोशिका को मार डालता है।

शोधकर्ताओं का मत है कि उन्होंने एक इकलौते अध्ययन में चूहों पर इस तरीके को आज़माया जिसमें अप्रत्याशित सफलता मिली है और वे जल्दी ही इसे इंसानों पर भी आज़माने जा रहे हैं।

इस विषय पर काम कर रहे अन्य वैज्ञानिकों को लगता है कि चूंकि उक्त प्रयोग के आंकड़े प्रकाशित नहीं किए गए हैं, इसलिए दावे की जांच करना असंभव है। वैसे भी चूहों पर प्रयोग के आधार पर इंसानों के बारे में दावा करना तर्कसंगत नहीं है क्योंकि अनुभव बताता है कि ज़रूरी नहीं है कि चूहों पर मिले परिणाम इंसानों में मिलें। कुछ वैज्ञानिक तो एईबीआई के दावे को विज्ञान की परंपराओं के विपरीत व गैर-ज़िम्मेदाराना मान रहे हैं। अलबत्ता, इन सारी आशंकाओं के बारे में एईबीआई ने कहा है कि एक साल के अंदर वे पहले इंसान के कैंसर का इलाज करके दिखा देंगे। उनके मुताबिक कैंसर का यह नया उपचार सस्ता होगा और इसके कोई साइड प्रभाव भी नहीं होंगे। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit :  https://www.livescience.com/64648-israeli-scientists-cancer-cure-unlikely.html

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